फसल का लागत मूल्य नहीं मिलने से किसान मायूस
फसल उगाने में किसानों को कठिन परिश्रम तो लगते ही है, आर्थिक समस्याओं से भी जूझना पड़ता है।
समस्तीपुर । फसल उगाने में किसानों को कठिन परिश्रम तो लगते ही है, आर्थिक समस्याओं से भी जूझना पड़ता है। इसके बावजूद किसानों को फसल का लागत मूल्य नहीं मिल पाता है। इससे किसानों की कमर टूट जाती है। उनमें मायूसी छा जाती है। कल्याणपुर प्रखंड के मंजिल मुबारक निवासी युवा किसान पंकज साह बताते हैं कि बटाई लेकर पांच एकड़ में गोभी का उन्नत प्रभेद लगाया। इसके लिए ढाई लाख कर्ज भी लिए। वैज्ञानिक पद्धति से जैविक खाद का प्रयोग कर फसल तैयार किया। फसल तैयार करने में प्रति एकड़ पच्चीस सौ रुपये खर्च हुआ। लेकिन प्राकृतिक विपदा के कारण फूलगोभी में लाली आ जाने के कारण बाजार भाव नहीं मिल पा रहा है। बाजार समिति में बड़े व्यापारी गोभी की कीमत 50 पैसे और 1 रुपये किलो बताते हैं। ऐसे में किसानों की कमर टूट गई है। फसल में मुनाफा तो दूर लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा है। परिवार के लोग भी हताश हैं। ऐसे में दूसरी फसल तैयार करना काफी मुश्किल है। इधर, जिलाधिकारी के निर्देश पर प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी मुजम्मिल हुसैन खान ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि इस किसान को काफी नुकसान हुआ है।