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रूझान मिलते ही नतीजों पर झूमे समर्थक

समस्तीपुर। इससे पहले कि चुनाव नतीजे आते लोगों ने जिले में जश्न की तैयारी शुरू कर दी थी। इस दौरान मिठाई व फूलों की बिक्री में जबरदस्त इजाफा दर्ज किया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 May 2019 11:40 PM (IST)Updated: Thu, 23 May 2019 11:40 PM (IST)
रूझान मिलते ही नतीजों पर झूमे समर्थक
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समस्तीपुर। इससे पहले कि चुनाव नतीजे आते लोगों ने जिले में जश्न की तैयारी शुरू कर दी थी। इस दौरान मिठाई व फूलों की बिक्री में जबरदस्त इजाफा दर्ज किया गया। केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने वाली है। इस सूचना मात्र से यहां के लोगों के बीच काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। पार्टी कार्यकर्ताओं के अलावा कई इलाकों के आम लोगों ने बूंदी के लड्डुओ के आर्डर देकर बनवा लिए। कई इलाके में भी मिठाइयों के ऑर्डर बुक किए गए। इस दौरान मिठाईयों की भी डिमांड अधिक देखी गई। शहर में फूलों की बिक्री तकरीबन दोगुनी हुई। मंडी में हजारों रुपये के फूलों की बिक्री हुई। अन्य दिनों के मुताबिक यह तकरीबन दोगुनी हो गई। आधी-आबादी को रही चुनाव परिणाम जानने की बेचैनी

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समस्तीपुर : लोकतंत्र के महापर्व में अपने मताधिकार का प्रयोग करने में आगे रही महिलाएं गुरुवार की सुबह से परिणाम जानने को आतुर रही। 23 मई को होनेवाली मतगणना के परिणाम और उस आधार पर देश व समाज का भविष्य जानने का आधी आबादी ने पूरा प्लान बना रखा था। सुबह से टेलीविजन के सामने बैठने को लेकर काम बाधा नहीं बने इसके लिए देर रात्रि ही अपना सारा काम निपटा लिया था। कुछ ने तो सुबह के लिए रेडीमेड नाश्ता का भी जुगाड़ कर रखा था। आदर्शनगर की कांति झा ने बताया कि टेलीविजन उनका साथी है। वह मतदान के परिणाम को देख रही थी। इसके लिए अधिकांश घरेलू काम को रात में ही निपटा लिया था। वैसे तो प्रत्येक दिन टेलीविजन देखती है लेकिन गुरुवार को टेली फिल्मस व सिरियलस के बदले न्यूज चैनलों ही देख रही थी। इस पर विधानसभा चुनाव मतदान के मतगणना की जानकारी ले रही थी। सुबह से ही घर में स्वयं रिमोट पकड़ कर बटन दबा-दबा कर न्यूज चैनल बदल रही थी। बिजली ने दिया साथ, रही वैकल्पिक व्यवस्था

समस्तीपुर : लोकतंत्र का महापर्व संपन्न होने के साथ ही आखिर वह घड़ी आ गई जिसका सभी को बेसब्री से इंतजार था। लोकतंत्र के महापर्व में गुरुवार र को चुनाव के नतीजों को जानने के लिए लोग सुबह से ही टेलीविजन, इंटरनेट, रेडियो सहित अन्य उपकरणों पर जानकारी हासिल करते रहे। चुनावी नतीजे आने से पहले ही जिले में जश्न की तैयारी शुरू हो गई थी। इस दौरान लोगों ने घरों व व्यवसायिक संस्थानों में बिजली कटने को लेकर वैकल्पिक व्यवस्था कर रखी थी। इसके लिए जेनरेटर व इनवर्टर की भी व्यवस्था कर रखी थी। लेकिन गुरुवार को बिजली ने सुबह से उपभोक्ताओं को खुश कर रखा था। दिन भर बिजली ने भी चुनावी नतीजों का साथ दिया। सड़कों पर रहा सन्नाटा समस्तीपुर : चुनाव परिणाम आने को लेकर जिलवासी भी आतुर दिखे। लंबे इंतजार के बाद गुरुवार को लोकसभा चुनाव के मतगणना का परिणाम एवं सरकार गठन के राजनीतिक घटनाक्रम जानने को शहरवासी घरों में टेलीविजन व रेडियो से चिपके रहे। लोगों को घरों से नहीं निकलने के कारण जहां सरकारी कार्यालयों में रविवार छुट्टी रही, वहीं अधिकांश दुकानें भी बंद रही। जो खुली भी थी वहां पर वीरानगी छाई रही। शहर की सड़कों पर भी सन्नाटा पसरा रहा। नजर से उतरे तो दबा दिया नोटा का बटन

समस्तीपुर : शहर जल रहा था, और नीरो बंशी बजा रहा था, वाली बात अब पुरानी हो गई। अब यदि किसी की नजर से आप एक बार गिर गए तो समझिए ..। इस बार के लोकसभा चुनाव कई मायनों में खास रहा। चुनाव की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि आयोग ने जनता के मूड के हिसाब से इलेक्ट्रानिक वोटिग मशीन (ईवीएम) में विकल्प दिए। सबसे अहम विकल्प यह रहा कि इस बार आम आदमी वोट देने के वक्त यह बता सकता था कि उसे व्यवस्था में रहे नेता या फिर विपक्ष में बैठे नेता दोनों में से कोई पसंद है या नहीं है। वह आप्शन था नोटा का। नोटा का इस्तेमाल जिले के दोनों लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने किया। यानि उनकी नजर में चुनाव में खड़े उम्मीदवार या तो योग्य नहीं थे, या फिर उनके मन में कोई उबाल था। यह उबाल चाहे वर्तमान व्यवस्था से हो या फिर व्यक्ति से। कारण चाहे जो भी हो पर इतना तो स्पष्ट हो गया कि मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग कर यह संकेत दिये हैं कि अब मनमानी नहीं चलेगी। वोटरों के इस ट्रेंड पर यदि गौर करें तो समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र में 11 वें राउंड तक मतदाताओं ने 21487 नोटा का प्रयोग किया।

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