नई तकनीक से छात्र-छात्राओं में होगा शिक्षा का विकास
समस्तीपुर। शहर के आरएसबी इंटर विद्यालय के प्रांगण स्थित उन्नयन स्मार्ट क्लास में सोमवार को उन्
समस्तीपुर। शहर के आरएसबी इंटर विद्यालय के प्रांगण स्थित उन्नयन स्मार्ट क्लास में सोमवार को उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित हुई। इसमें समस्तीपुर और सरायरंजन के कुल 32 प्रतिभागी सम्मिलित हुए। लोक भागीदारी एवं बिहार शिक्षा परियोजना मीडिया संभाग द्वारा विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्यों को ई कंटेंट के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया। समग्र शिक्षा अंतर्गत जिले के वार्षिक कार्य योजना एवं बजट 2021 में लोक भागीदारी एवं मीडिया संभाग अंतर्गत स्वीकृत उन्मुखीकरण कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए राज्य कार्यालय द्वारा बदलाव कर विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्यों को ई-कंटेंट के माध्यम से प्रशिक्षण का सफल एवं गुणात्मक क्रियान्वयन संकुल समन्वयकों द्वारा किया जाना है। विद्यालय के विकास, विद्यालय में बच्चों को शत प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित कराने को लेकर प्रशिक्षण दिया गया। ताकि सभी संकुल समन्वयक अपने-अपने सीआरसी पर पूरी तैयारी के साथ प्रशिक्षण को सफल बनाया जा सके।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (प्राथमिक शिक्षा एवं सर्व शिक्षा अभियान) शिवनाथ रजक ने बताया कि इस प्रशिक्षण में संकुल समन्वयकों ने हिस्सा लिया। इसके तहत विद्यालय में लोक भागीदारी एवं वातावरण निर्माण समुदाय की विद्यालय में भागीदारी सुनिश्चित कर विद्यालय विकास में उनका सहयोग प्राप्त करना है। ऐसे प्रशिक्षण से शिक्षकों में छात्र-छात्राओं को पढ़ाने की नई तकनीक समझ में आती है। मौके पर रीना कुमारी, मो. तनवीर आलम, कुमार गौरव, महेश झा, तेज नारायण, शहनवाज आलम, पंकज कुमार, रतन कमार, रंधीर कुमार सिंह, मनोज कुमार दास, रामबाबू राम, मनोज कुमार, मो. शमीम, रतन कुमार, राजेश कुमार, मयंक कुमारी, दिलीप कुमार, मो. नौशाद आलम, निर्मल कुमार, हर्षवर्द्धन प्रसाद, रामचंद्र सिन्हा, मो. इफ्तेखार अहमद आदि उपस्थित रहे।
विद्यालय के व्यवस्था को बेहतर बनाना है उद्देश्य
डीपीओ ने बताया कि जिले के विद्यालय के व्यवस्था में सुधार, पाठन को बेहतर बनाना, विद्यालयों में पुरी अवधि तक शिक्षकों को की उपस्थिति, विद्यालय में बच्चों की खेल सामग्री समेत अन्य गतिविधियों पर ध्यान देने के लिए यह प्रशिक्षण कराया जा रहा है। विद्यालय के शिक्षा समितियों से जुड़े लोगों के सहयोग के बिना विद्यालय का सहयोग नहीं हो सकता। इसके लिए जरूरी है कि विद्यालय से संबंधित लोगों को प्रशिक्षित किया जाए। ताकि विद्यालयों के उत्कृष्ट संरचना को मजबूत किया जा सके।