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मशरूम उत्पादन में सूबे की अलग पहचान

डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि पूसा के आधार विज्ञान व मानविकी संकाय के सभागार में मंगलवार को बटन मशरूम उत्पादन के विषय प्रशिक्षण शुरू हुआ।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 11:24 PM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 11:24 PM (IST)
मशरूम उत्पादन में सूबे की अलग पहचान
मशरूम उत्पादन में सूबे की अलग पहचान

समस्तीपुर । डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि पूसा के आधार विज्ञान व मानविकी संकाय के सभागार में मंगलवार को बटन मशरूम उत्पादन के विषय प्रशिक्षण शुरू हुआ। यह सात दिनों तक चलेगा। कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन कृषि विवि के कुलपति डॉ. आरसी श्रीवास्तव ने किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल राज्यों के 52 छात्र-छात्राओं को शामिल किया गया है। इनके अलावा 10 किसान भी हिस्सा ले रहे हैं। इस अवसर पर मौजूद प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कुलपति ने कहा कि हाल के वर्षो में मशरूम उत्पादन व प्रसंस्करण के क्षेत्र में बिहार ने एक अलग पहचान कायम की है। राज्य में अब सालों भर मशरूम की खेती, बीज एवं कंपोस्ट उत्पादन के अलावा इससे जुड़े विभिन्न कार्य किए जा रहे।

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दी जा रही प्रयोगात्मक प्रशिक्षण की सुविधा

कुलपति ने कहा कि कृषि विवि पूसा द्वारा मशरूम उत्पादन व इससे जुड़े विभिन्न उत्पादों एवं अन्य विषयों पर लंबे समय से प्रयोगात्मक प्रशिक्षण की सुविधा मुहैया कराई जा रही है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से देश के लाखों किसान, छात्र, बेरोजगार युवा, महिलाएं आदि को स्वरोजगार के क्षेत्र में उतारकर उन्हें आर्थिक रूप से सबल बनाने का कार्य किया जा रहा। मंच संचालन मशरूम के मशहूर वैज्ञानिक डॉ. दयाराम ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुधा नंदनी ने किया। मौके पर डॉ. मिथिलेश कुमार, डॉ. सोमनाथ राय चौधरी आदि मौजूद थे।


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