अंबर चरखा को सार्वजनिक बनाने के उद्देश्य से वैनी आए थे देशरत्न
देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद बिहार खादी ग्रामोद्योग संघ की शाखा वैनी स्थित लक्ष्मीनारायणपुर में अंबर चरखा को सार्वजनिक बनाने के उद्देश्य से यहां आए थे। पूसारोड में उनका आगमन 20 दिसंबर 1968 को हुआ था।
समस्तीपुर । देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद बिहार खादी ग्रामोद्योग संघ की शाखा वैनी स्थित लक्ष्मीनारायणपुर में अंबर चरखा को सार्वजनिक बनाने के उद्देश्य से यहां आए थे। पूसारोड में उनका आगमन 20 दिसंबर 1968 को हुआ था। खादी ग्रामोद्योग समिति के निदेशक रहे रमाकांत राय बताते हैं कि तब छोटी लाइन की ट्रेन इस रूट पर चलती थी। स्टेशन पर ट्रेन के सैलून से बाहर निकलने पर खादी ग्रामोद्योग के मंत्री रामश्रेष्ठ राय, खादी बोर्ड की ओर से गोपालजी मिश्र के साथ हजारों खादी कार्यकर्ता स्टेशन पहुंचे और राजेंद्र बाबू का फूल-माला से भव्य स्वागत किया। वहां से वे सीधे खादी ग्रामोद्योग पहुंचे। बंगला नंबर एक के सामने अंबर चरखा का उद्घाटन किया।
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राजेंद्र बाबू को देखने उमड़ पड़ी थी भीड़
उस दौर में केंद्रीय भंडार गृह में कार्यरत नंदकिशोर मिश्रा बताते हैं कि राजेंद्र बाबू जब यहां पहुंचे तो भीड़ उन्हें देखने के लिए उमड़ पड़ी। उन्होंने सभा को संबोधित किया। इसके बाद यहां चलनेवाली विभिन्न योजनाओं का मुआयना किया। आमसभा में उन्होंने चरखा को मन से अपनाने की अपील की थी।
पूसा स्थित खादी ग्रामोद्योग परिसर में आज भी वह कमरा सुरक्षित है, जहां राजेंद्र बाबू बैठे थे। उनके दौरान लगाए गए पौधे पर विशालकाय व छायादार वृक्ष हो गए हैं। हालांकि, राजेंद्र पार्क उपेक्षित नजर आता है।