कोरोना के अंधेरे का भ्रम खत्म, घर-घर जले दीप
समस्तीपुर। कोरोना वायरस को चुनौती देने के लिए रविवार की रात जिलावासियों का संकल्प एक उदाहरण बना।
समस्तीपुर। कोरोना वायरस को चुनौती देने के लिए रविवार की रात जिलावासियों का संकल्प एक उदाहरण बना। नौ बजे, नौ मिनट के लिए घरों की बंद लाइट और उनकी जगह जलते दीपक, मोमबत्ती, टॉर्च और मोबाइल की फ्लैश लाइट एकजुटता को आलोकित करते रहे। यह दीप प्रज्वलन इस बात का प्रतीक रहा कि कोरोना के खिलाफ इस जंग में कोई अकेला नहीं है। हर किसी की राह रोशन है। अंधेरा एक भ्रम है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस आह्वान पर लोगों ने एकजुटता दिखाई। अपने-अपने घरों में रहे और लॉकडाउन का सम्मान किया। काशीपुर मोहल्ला निवासी अविनाश रंजन कहते हैं कि दीपक का हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है। संध्या पूजन में दीपक जलाने का विधान है। यह आसुरी शक्तियों का नाश करता है। कोरोना संकट के दौर में संकल्पि होकर दीपक जलाना शुभकारी है। रामसुरेखा कहती हैं कि हम हर शाम घर की दहलीज पर दीपक जलाती हैं। आज देशहित में ऐसा किया। हमें इस विपरीत स्थिति में एकजुटता दिखानी है।-----------------------घरों में हवन-पूजन भीदीप प्रज्वलन की इस प्रक्रिया में भी एक-दूसरे से दूरी बनाए रखे। घरों में इस दौरान हवन-पूजन का भी दौर चलता रहा। कहीं मंगल आरती तो कहीं मां शक्ति की आराधना। सचमुच अछ्वुत नजारा था। मोहनपुर रोड के किशोरी पंडित कहते हैं कि दीपक की जलती लौ नकारात्मक विचारों का नाश करती है। इस नौ मिनट के आयोजन से मन के सारे नकारात्मक विचार नष्ट हो गए। लोगों के मन का भेद खत्म हो गया।