आओ मिलकर सफल बनाये स्वच्छ भारत अभियान
दो वर्ष पूर्व गांधी जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वच्छता अभियान का श्री गणेश किया गया था।
समस्तीपुर। दो वर्ष पूर्व गांधी जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वच्छता अभियान का श्री गणेश किया गया था। हालांकि, इस अभियान पर संबंधित विभाग द्वारा अमल तो किया गया, लेकिन अभी बहुत कुछ होना बाकी है। जिले की बात करें तो शहर की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्र के लोग सफाई के प्रति अधिक जागरूक हैं। ग्रामीण क्षेत्र के हाट, बाजार व शहर में गंदगी की भरमार है। ऐसा नहीं की इन जगहों की सफाई नहीं होती। जागरुकता का अभाव जरूर खटकता है। वे घर, दुकान की सफाई तो रखते हैं गंदगी को सड़क पर फेंक बैठते हैं। यही हाल नाले का भी है। नाले की सफाई तो होती है लेकिन निर्माण कार्य कराने वाले गृहस्वामी नाला किनारे मेटेरियल गिरा देते हैं। जिसके कारण नाला जाम हो जाता है और जलजमाव की स्थिति पैदा हो जाती है। लोग संबंधित विभाग को कोसने लगते हैं। साफ-सफाई में नगर परिषद व उसके कर्मी जुटे तो जरूर रहते हैं। लेकिन इसके मिशन को लगता है अब तक नहीं समझ पाए हैं। कई स्वयं सेवी संगठनों द्वारा बीच- बीच में स्वच्छता अभियान चलाया जाता है। उन लोगों के द्वारा स्वच्छता की बात भी की जाती है। लेकिन जहां सफाई की जरूरत है वहां उनकी भी निगाह नहीं जाती है। नगर परिषद की बात करें तो हाल के दिनों में स्वच्छता अभियान के प्रति यह विभाग जागरूक हुआ है। विभिन्न योजनाओं के तहत साफ-सफाई भी शुरुआत की गई है। नप ने स्वच्छता अभियान के तहत अब डोर टू डोर कचरे के उठाव का कार्य भी शुरू किया है। साथ ही यत्र- तत्र कचरे को नहीं फेंकने की सलाह भी दिए जाते हैं। यह अभियान समस्तीपुर के अलावा दल¨सहसराय एवं रोसड़ा नगर पंचायत में शुरू हुआ है। दो वर्ष पूर्व शहर के सभी मुख्य चौक-चौराहों की सफाई की गई थी। उस वक्त लोग काफी उत्साहित थे। लेकिन, स्वच्छता के प्रति अब यह उत्साह नहीं दिख रहा है। उस वक्त जिन जगहों को फोकस कर सफाई अभियान चलाया गया था आज वहां गंदगी दिख रही है। लगता है शायद अभियान अपने उद्देश्य से भटक गया। हालांकि, स्वच्छता की बात करें तो रेलवे स्टेशन, अस्पताल, शहर की मुख्य सड़कें, पीएचसी, स्कूल आदि में साफ-सफाई जरूर रहती है। वहीं सार्वजनिक स्थल, सरकारी कार्यालयों, गली, मोहल्ले व नाले में आज भी गंदगी दिख रही है। जिलाधिकारी से लेकर अनुमंडलाधिकारी , बीडीओ व संबंधित विभाग हर माह बैठक कर स्वच्छता की बात तो करते हैं, लेकिन धरातल पर इसका खास असर नहीं दिखाई दे रहा है। स्वच्छता दूतों की भूमिका नहीं दिखाई दे रही है।
क्या कहते हैं लोग
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शहर के सुमन कुमार का कहना है कि स्वच्छता अभियान में केन्द्र व राज्य सरकार की अहम भूमिका होनी चाहिए। जो लोग इस व्यवस्था पर अमल नहीं करते उनके विरूद्ध फाइन का प्रावधान होना चाहिए। सत्येंद्र कुमार का कहना है कि लोग अगर जागरूक हो जाए तो शहर क्या गांव व हाट भी स्वच्छ रहेगा। इसके लिए जागरूक करने की जरूरत है। रामाशंकर ¨सह कहते हैं कि शहर हो या गांव अगर एक विचार के साथ लोग स्वच्छता के प्रति जागरूक हो गए तब तो वे आदर्श के रूप में जिले के लिए जाने जाएंगे। मनोज कुमार का कहना है कि सरकार स्वच्छता के प्रति जागरूक है। कमी इस बात की है जब हम सुधरेंगे तो जग भी सुधरेगा। एहसानुल हक उर्फ चुन्ने का कहना है कि सड़क पर कचरा फेंकने से गंदगी फिर से उनके घर ही पहुंच जाती है। इसके लिए सब को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है। साहेब खान का कहना है कि स्वच्छता अभियान से आम लोगों को फायदा है। अगर शहर स्वच्छ रहेगा तो घर में बीमारी नहीं होगी। लोग गंधयुक्त हवा से बचेंगे। इस अभियान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने की जरूरत है।