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जर्जर दीवारों और दरकी छतों के बीच पढ़ाई के लिए मजबूर बच्चे

समस्तीपुर। जिले के सरकारी स्कूलों की सूरत बदलने के दावे हो रहे हैं। स्कूल भवनों की रंगा

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 12:52 AM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 12:52 AM (IST)
जर्जर दीवारों और दरकी छतों के बीच पढ़ाई के लिए मजबूर बच्चे
जर्जर दीवारों और दरकी छतों के बीच पढ़ाई के लिए मजबूर बच्चे

समस्तीपुर। जिले के सरकारी स्कूलों की सूरत बदलने के दावे हो रहे हैं। स्कूल भवनों की रंगाई-पुताई कराई जा रही है। संसाधन विकसित करने के दावे हो रहे हैं। बावजूद इसके जिले के 112 पुराने उच्च माध्यमिक विद्यालयों में जर्जर कमरों की संख्या आधिकारिक रूप से 139 हैं। इसमें कुल 628 कमरे जर्जर हैं। इसके अलावा मध्य व प्राथमिक विद्यालयों में जर्जर भवनों की संख्या का विभागीय स्तर पर फिलहाल आकलन कराया जा रहा है। यह भवन देश के 'भविष्य' यानी छात्र-छात्राओं का जीवन खतरे में डाल रहे हैं। हादसे को दावत देने वाले विद्यालयों की भरमार है। जिला शिक्षा पदाधिकारी मदन राय ने बताया कि भवन निर्माण विभाग को जर्जर भवन को परित्यक्त करने के लिए पत्र लिखा गया है। इस दिशा में विभागीय स्तर पर तेजी से कार्रवाई चल रही है।

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समस्तीपुर प्रखंड के 10 उच्च विद्यालयों की स्थिति दयनीय :

समस्तीपुर शहरी क्षेत्र व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में 10 उच्च विद्यालय संचालित हैं। इनमें पुराने भवनों की हालत काफी जर्जर है। विद्यालयों में नए भवनों का निर्माण कराया गया है। मगर कमरों की कमी से परेशानी हो रही है। आरएसबी इंटर विद्यालय में 11, माध्यमिक विद्यालय जितवारपुर में 15, माडल इंटर विद्यालय में आठ, उच्च माध्यमिक विद्यालय काशीपुर में सात, तिरहुत एकेडमी, गोल्फ फील्ड रेलवे कालोनी उच्च माध्यमिक विद्यालय, बालिका उच्च विद्यालय घोषलेन, उच्च माध्यमिक विद्यालय कर्पूरीग्राम में पांच-पांच, उच्च विद्यालय धर्मपुर में दो, उच्च माध्यमिक विद्यालय सिघिया जगतसिंहपुर में एक भवन जर्जर है।

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उच्च माध्यमिक विद्यालय जर्नादनपुर में जर्जर भवन के गिरने की आशंका :

कल्याणपुर प्रखंड के राजकीय बुनियादी उच्च माध्यमिक विद्यालय जर्नादनपुर में लंबे समय से जर्जर भवन है। विद्यालय का पुराना भवन जर्जर है। इस वजह से वर्ग संचालन माडल विद्यालय के भवन में हो रहा है। प्रधानाध्यापक शिवनाथ सिंह ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को लिखित शिकायत कर स्थिति से अवगत कराया है। जर्जर भवन कभी भी किसी भी तरफ गिर सकता है। जानमाल की क्षति से इन्कार नहीं किया जा सकता है। साथ ही उक्त भवन में आए दिन असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है।

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बरामदे की जर्जर छत के रास्ते कक्षा में प्रवेश करते छात्र : खानपुर प्रखंड के राजकीयकृत उत्क्रमित मध्य विद्यालय मसीना की स्थिति भी काफी जर्जर है। प्रधानाध्यापक संतोष कुमार चौधरी ठीक कराने के लिए शिक्षा विभाग को कई बार पत्र लिख चुके है। मगर अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई है। इस विद्यालय में कक्षा पहली से 10 वीं तक की पढ़ाई होती है। इसमें 950 छात्र-छात्रा नामांकित हैं। विद्यालय भवन के बरामदे की छत की हालत इतनी दयनीय है कि प्लास्टर टूटकर अब छड़ दिखाई दे रही है। इसी बरामदे के रास्ते होकर छात्र-छात्राएं कक्षा में जाते हैं। यहां बड़ी घटना की आशंका बनी रहती है।


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