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शस्त्रागार से गायब कारतूस व मैगजीन मामले में होगी जल्द कार्रवाई : आइजी

दरभंगा प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक पंकज दाराद बुधवार को यहां पहुंचे। पहले अतिथि भवन पहुंचे जहां जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 12:42 AM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 12:42 AM (IST)
शस्त्रागार से गायब कारतूस व मैगजीन मामले में होगी जल्द कार्रवाई : आइजी
शस्त्रागार से गायब कारतूस व मैगजीन मामले में होगी जल्द कार्रवाई : आइजी

समस्तीपुर । दरभंगा प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक पंकज दाराद बुधवार को यहां पहुंचे। पहले अतिथि भवन पहुंचे जहां जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद वे पुलिस लाइन पहुंचे। यहां उन्होंने एक शानदार परेड का निरीक्षण किया। बेहतर परेड को देखते हुए आईजी ने महिला बटालियन को रिवार्ड भी दिया। मार्च पास्ट के बाद आइजी ने शस्त्रागार का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने आग्नेयास्त्र समेत गोली की जांच की। मौके पर मौजूद कर्मियों को कई आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए विभिन्न उपकरणों के रख रखाव आदि के बारे में पूछताछ की। पत्रकारों को बताया कि सरकार के द्वारा हर प्रमंडल के आइजी व डीआइजी को साल में कम से कम एक बार जिले के एसपी कार्यालय समेत उनके लाइन व मेजर कार्यालय का निरीक्षण करना है। इसी क्रम में वे यहां आए हैं। उन्होंने पुलिस लाइन में हुए 4056 कारतुस समेत कारबाइन की नौ मैगजीन गायब मामले में अनुसंधान को नजदीक बताते हुए दोषी के विरूद्ध शीघ्र कार्रवाई की बात कही है। बताया कि इसकी विभागीय जांच अंतिम चरण में है। आइजी ने लाइन में पुलिस बैरक, मेंस व पुलिसकर्मियों के रहने व ठहरने के अलावा पदाधिकारियों की समस्याओं से अवगत होते हुए उसके निराकरण की दिशा में हरसंभव प्रयास करने का आश्वासन भी दिया।

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जांच में गायब मिले थे चार हजार से अधिक कारतूस

पुलिस लाइन स्थित शस्त्रागार की जांच के दौरान वहां से 4056 कारतूस व कारबाइन की नौ मैगजीन गायब मिले थे। जुलाई 2018 में इसकी प्राथमिकी मुफस्सिल थाना में दर्ज करायी गई थी। इसमें अभी तक पांच अनुसंधानक बदले जा चुके हैं। कुछ दिनों पूर्व ही जांच का जिम्मा पटोरी डीएसपी को दिया गया था। जबकि इसके पूर्व सदर डीएसपी को पर्यवेक्षण की जिम्मेवारी सौंपी गई थी। पर्यवेक्षण में देरी की वजह से एसपी ने इसका भार पटोरी डीएसपी को दिया। अब जबकि मुफस्सिल थाना में भी नए थानाध्यक्ष बनाए गए हैं ऐसे में अनुसंधानक भी बदल गए हैं। छह माह से इस मामले का पर्यवेक्षण नहीं होने से कई शंका भी पैदा हो रही है।

वर्जन

मामले की जांच अंतिम चरण में है। अभी कुछ कहना जल्दबादी होगी। लेकिन इतना तय है कि पुलिस जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके विरुद्ध कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

पंकज दराद, आई जी


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