राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना से मरीजों के इलाज पर लगी ब्रेक
ाष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत मरीजों के इलाज पर पूरी तरह से ब्रेक लग गया है।
समस्तीपुर । राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत मरीजों के इलाज पर पूरी तरह से ब्रेक लग गया है। हालांकि, इसके स्थान पर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत की जा रही है। योजना के बंद रहने की वजह से फिलहाल गरीब मरीजों को निश्शुल्क चिकित्सा सुविधा मिलना बंद हो गया है। जबकि, निबंधित संस्थान के संचालकों का अप्रैल 2016 से 2017 तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत किए गए कार्य के विरुद्ध बीमा कंपनी द्वारा कोई राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है। राशि का भुगतान नहीं होने के कारण संबंधित अस्पताल द्वारा गत वर्ष ही कार्य बंद कर दिया गया था। इसमें सभी निबंधित गैर सरकारी संस्थानों का 85 लाख 51 हजार 817 रुपये का भुगतान लंबित है। बीमा कंपनी के जिला प्रबंधक ने सरकार द्वारा आदेश नहीं मिलने के कारण भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत कार्य पर भी रोक लगा दी थी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत प्राइवेट अस्पतालों को निबंधित किया गया था। इसके उपरांत अप्रैल 2016 से बीपीएल कार्डधारी मरीजों की चिकित्सा शुरू की गई थी। इसमें सभी संस्थानों का 85 लाख 51 हजार 817 रुपये बकाया था। इस बाबत जिला पदाधिकारी द्वारा राज्य स्वास्थ्य समिति, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी को भुगतान कराने हेतु अनुरोध पत्र पत्रांक 7 दिनांक 17 जनवरी 2017 को भेजा गया था। इस आलोक में राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने भी द न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक को बकाया भुगतान सुनिश्चित कराने हेतु अनुरोध पत्र भेजा गया। बावजूद इसके राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत संबंधित संस्थानों को बकाया राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इसके उपरांत अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा भी बकाया राशि का भुगतान सुनिश्चित करने हेतु अनुरोध किया गया। स्वास्थ्य बीमा कार्ड के माध्यम से इलाज से वंचित गरीबों के लिए खुशखबरी है। विगत पिछले वर्ष से इस सुविधा से वंचित लोगों को 30 हजार ही नहीं बल्कि अब पांच लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। सिविल सर्जन के निर्देश पर इसके लिए कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पूर्व में जिले के सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी अस्पताल में 30 हजार तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिल रही थी। मार्च 2016 में समयावधि समाप्त हो गई थी। पुन: जुलाई 2017 से मार्च 2018 तक इसका समयावधि विस्तार किया गया था। परंतु पुराने बकाया राशि का भुगतान नहीं होने के कारण निजी अस्पतालों में इस अवधि में मरीज का इलाज नहीं किया गया।
आयुष्मान भारत के तहत गरीबों को पांच लाख रुपये सालाना की कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर स्वास्थ्य महकमा चौकस हो गया है। इसको लेकर सरकारी डाटा बेस में शामिल गरीब व कमजोर परिवारों के लोगों को योजना का लाभ देने की कवायद तेज हो गई है।