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समस्तीपुर की बेटी अंजलि की नई उड़ान, विदेश में यूं बढ़ाया देश और बिहार का नाम

बिहार के समस्तीपुर जिले की बेटी विंग कमांडर अंजलि सिंह देश के सैन्य इतिहास में किसी भी भारतीय मिशन में विदेश में तैनात होनेवाली पहली महिला सैन्य राजनयिक बन गई हैं।

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 09:26 AM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 07:25 PM (IST)
समस्तीपुर की बेटी अंजलि की नई उड़ान, विदेश में यूं बढ़ाया देश और बिहार का नाम
समस्तीपुर की बेटी अंजलि की नई उड़ान, विदेश में यूं बढ़ाया देश और बिहार का नाम

समस्तीपुर [दिलीप कुमार कुंदन]। वारिसनगर प्रखंड का मकसूदपुर गांव आज अंतरराष्ट्रीय फलक पर है। यहां की निवासी विंग कमांडर अंजलि सिंह देश के सैन्य इतिहास में किसी भी भारतीय मिशन में विदेश में तैनात होनेवाली पहली महिला सैन्य राजनयिक बन गई हैं।

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मिग-29 लड़ाकू विमान उड़ाने में प्रशिक्षित अंजलि ने 10 सितंबर को रूस के मॉस्को में 'डिप्टी एयर अताशे' के रूप में भारतीय दूतावास में पदभार संभाला। ग्रामीण भले ही इसका मतलब या काम नहीं समझते, पर इतना जरूर जानते हैं कि उनके गांव की बेटी डिंपल (घर का नाम) आज बुलंदियों पर हैं।

सेना में जाने को पिता से मिली प्रेरणा

फ्लाइट लेफ्टिनेंट से सेवानिवृत्त पिता मदन प्रसाद सिंह को अपना रोल मॉडल मानने वाली 41 वर्षीय अंजलि ने शुरुआती दौर में ही सेना में जाने का संकल्प लिया था। पिता के सानिध्य में रहते हुए जालंधर में प्रारंभिक पढ़ाई की।

पिता के नासिक तबादले पर वहां से इंटरमीडिएट कर पूना यूनिवर्सिटी से टेलीकम्युनिकेशन में इंजीनियङ्क्षरग की। उत्तर प्रदेश के कोटद्वार में एक प्राइवेट कंपनी में दो वर्षों तक काम किया। वर्ष 2002 में उनका चयन वायुसेना में हुआ। अंजलि ने 17 साल के सैन्य कॅरियर के दौरान लड़ाकू स्क्वाड्रन के साथ सेवा की है। 

घर में कोई डॉक्टर, कोई इंजीनियर

अंजलि तीन बहन व एक भाई हैं। बड़ी बहन पुष्पा सिंह पटना में हिंदी की शिक्षक हैं। दूसरे नंबर पर अंजलि हैं। वर्ष 2010 में उनकी शादी बेगूसराय के महना निवासी इंजीनियर राजकुमार के साथ हुई। आठ साल का बेटा सक्षम है। फिलहाल, सभी मॉस्को में हैं। तीसरे नंबर पर अर्चना इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद पति तरुण कुमार के साथ अमेरिका में शिफ्ट हो गईं।

चौथे नंबर पर भाई डॉ. मनीष कुमार सर्जन हैं। वे पिता और परिवार के साथ बेंगलुरु में रहते हैं। इनकी पत्नी स्वाति भी डॉक्टर हैं। डॉ. मनीष कहते हैं कि दीदी शुरू से सामयिक विषयों की समझ रखती थीं। उसकी तार्किक क्षमता हम सभी से बेहतर है। हमेशा मेंटर की भूमिका निभाई। मेरे कॅरियर के लिए हमेशा चिंतित रहीं। 

वाकपटुता की तारीफ कर रहे परिजन

 सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक चाचा जनार्दन प्रसाद सिंह अंजलि की वाकपटुता की तारीफ करते नहीं थक रहे। चचेरे भाई मदन प्रसाद ङ्क्षसह का कहना है कि वह एक साल पहले शादी समारोह में आई थीं। उसका रहन-सहन सामान्य और यहां की परंपरा के अनुकूल होता है। 

पथ प्रदर्शक है अंजलि की उपलब्धि

 कारगिल युद्ध में रणकौशल दिखा चुके जिले के निवासी कर्नल राजीव रंजन का कहना है कि अंजलि की तैनाती लड़कियों के लिए प्रेरणास्रोत है। वह उन महिलाओं के लिए पथ प्रदर्शक बनेंगी, जो सेना में जाना चाहती हैं। स्थानीय मुखिया विजय सहनी का कहना है कि अंजलि जिले के लिए गौरव हैं। 


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