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रेल कर्मी की मौत के बाद 24 घंटे के अंदर विधवा को सौंपा नियुक्ति पत्र

समस्तीपुर। पूर्व मध्य रेल समस्तीपुर रेल मंडल में इन दिनों यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के साथ-साथ कर्मचारियों की परेशानी को भी हर संभव दूर करने का प्रयास करने में जुटा हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 May 2019 11:25 PM (IST)Updated: Sat, 04 May 2019 06:24 AM (IST)
रेल कर्मी की मौत के बाद 24 घंटे के अंदर विधवा को सौंपा नियुक्ति पत्र
रेल कर्मी की मौत के बाद 24 घंटे के अंदर विधवा को सौंपा नियुक्ति पत्र

समस्तीपुर। पूर्व मध्य रेल समस्तीपुर रेल मंडल में इन दिनों यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के साथ-साथ कर्मचारियों की परेशानी को भी हर संभव दूर करने का प्रयास करने में जुटा हुआ है। समस्तीपुर रेल मंडल ने पहली बार रेल कर्मी की मौत के बाद 24 घंटे के अंदर उनकी पत्नी को नियुक्ति पत्र देकर नया इतिहास रच दिया। विदित हो कि रेल मंडल के सहरसा शाखा के बैद्यनाथपुर स्टेशन पर सिग्नल विभाग में सहायक के पद पर कार्यरत राजेश कुमार की बुधवार को मौत हो गई। मृतक का शव रेल ट्रैक के किनारे मिला था। हालांकि, रेल कर्मी की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। रेल प्रशासन ने मृत्यु के 24 घंटे के अंदर सभी आवश्यक जांच और कागजी कार्रवाई करते हुए उनकी पत्नी निभा देवी को वाणिज्य विभाग में ग्रुप डी के अंतर्गत सहरसा स्टेशन पर ही प्रतीक्षालय में वेयरर के पद पर नियुक्ति दे दी। स्क्रीनिग कमेटी ने जांच कर सौंपी रिपोर्ट

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नव पदस्थापित मंडल रेल प्रबंधक अशोक माहेश्वरी को इस दुखद घटना की सूचना मिली तब वे स्वयं दिलचस्पी लेते हुए समस्तीपुर से ही इस घटना पर नजर बनाए रखा। डीआरएम ने तत्काल टीम को कार्य में लगा दिया। मृतक की पत्नी को बिना देरी किए अनुकंपा और भुगतान संबंधी सभी कार्य कराने का टास्क दिया। डीआरएम ने तत्काल वरिष्ठ मंडल वित्त प्रबंधक और सीनियर डीपीओ को मृतक के भुगतान संबंधी कार्य पूर्ण करने को कहा। संचार क्रांति के इस दौर में कुछ ही घंटे में सहरसा से मृतक के सभी कागजात लेखा विभाग को भेज दिया गया। लेखा विभाग ने तुरंत सभी भुगतानों को पास कर दिया। सीनियर डीपीओ ओमप्रकाश सिंह भी मुख्यालय से ही इसकी मॉनिटरिग कर रहे थे। तीन सदस्यीय स्क्रीनिग कमेटी का गठन किया गया। इसमें सहायक कार्मिक अधिकारी चंद्र किशोर, यांत्रिक अभियंता (पावर) दुर्गेश कुमार सिंह, एईएन (सहरसा) मनोज कुमार को शामिल रहे। सभी आवश्यक कार्यवाही के बाद शाम होते-होते मृतक की पत्नी निभा देवी को नियुक्ति पत्र सौंप दिया गया। बुधवार को मजदूर दिवस की वजह से बैंकिग अवकाश के कारण गुरुवार को पेंशन एवं अन्य सभी भुगतानों का भी निपटारा कर दिया गया। डीआरएम की पहल पर जल्द हुआ काम

ऑल इंडिया एससी-एसटी रेल इंपलाइज एसोसिएशन के मंडल मंत्री लालबाबू राम ने डीआरएम से मिलकर उनकी पूरी टीम को साधुवाद दिया। मंडल मंत्री ने कहा कि कर्मचारियों के हित में रेल मंडल में एक बार फिर नया इतिहास रचकर नए अध्याय की नींव रख दी है। सकारात्मक कार्यों का ही प्रतिफल है कि रेल मंडल पूरे भारतीय रेल पर अपनी अहम पहचान बनाने में काफी सफल सिद्ध हुआ है। डीआरएम कक्ष में शिष्टाचार मुलाकात के दौरान मंडल मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से इस डायनेमिक टीम के बदौलत ही यह संभव हो पाया है। मंडल के द्वारा नित नए आयाम स्थापित करने के एवज में मंडल को मिल रही पुरस्कारों की आवक कभी रुकी नहीं। उन्होंने कहा कि रेल कर्मी के मौत के 24 घंटा के अंदर उनकी आश्रित को नियुक्ति देना का भारतीय रेल में पहला मामला है। इसके कारण एक बार फिर समस्तीपुर रेल मंडल ने भारतीय रेल में अव्वल नंबर दर्ज किया है। ज्ञात हो की इससे पूर्व 10 मार्च को मंडल में ही तत्कालीन डीआरएम आरके जैन के नेतृत्व में पिपराकोठी स्टेशन पर कार्यरत रेलकर्मी प्रमोद कुमार के मृत्यु उपरांत मात्र 24 घंटा में भुगतान और 48 घंटा में आश्रित को नियुक्ति पत्र दी गई थी। वर्जन

समस्तीपुर रेल मंडल के सहरसा में कार्यरत रेल कर्मी राजेश कुमार की मौत हो गई। इसकी सूचना मिलते ही तत्काल उनकी पत्नी को 24 घंटा के अंदर अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति दी गई। यह सब टीम भावना के तहत अधिकारियों द्वारा गए कार्यों का ही प्रतिफल है। जिसमें हम तत्काल अनुकंपा के आधार पर नौकरी एवं सभी प्रकार का भुगतान करने में सफल रहे।

अशोक माहेश्वरी,

डीआरएम, समस्तीपुर।


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