कंधे पर लेकर चला महिला का शव तब मिली एंबुलेंस
रोसड़ा अस्पताल में इलाज के दौरान मौत के पश्चात एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने पर मृतक के स्वजनों ने जमकर बवाल काटा। वे हो-हल्ला करते हुए तू-तू मैं-मैं और हाथापाई तक पर उतारू हो गए। घंटों अफरातफरी के बाद एक युवक मृतका के शव को कंधे पर लेकर जाने लगा तो आनन-फानन में प्रबंधन द्वारा एंबुलेंस मुहैया कराई गई।
समस्तीपुर । रोसड़ा अस्पताल में इलाज के दौरान मौत के पश्चात एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने पर मृतक के स्वजनों ने जमकर बवाल काटा। वे हो-हल्ला करते हुए तू-तू, मैं-मैं और हाथापाई तक पर उतारू हो गए। घंटों अफरातफरी के बाद एक युवक मृतका के शव को कंधे पर लेकर जाने लगा तो आनन-फानन में प्रबंधन द्वारा एंबुलेंस मुहैया कराई गई। जानकारी के अनुसार, सीमावर्ती बेगूसराय जिले के छौराही ओपी अंतर्गत बरैपुरा निवासी आनंदी कमती की पत्नी निकमा देवी को गंभीर अवस्था में स्वजनों ने अनुमंडलीय अस्पताल, रोसड़ा में भर्ती कराया। मौके पर तैनात डॉ. केएन यादव ने ब्रेन हेमरेज बताते हुए प्राथमिक उपचार के पश्चात रेफर करने की प्रक्रिया अपना रहे थे कि इसी बीच मरीज की मौत हो गई। साथ आए दामाद अरविद कुमार एवं पुत्र गुड्डू कुमार मृतका का शव घर तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की मांग करने लगे। अस्पताल प्रबंधक द्वारा शव को पहुंचाने के लिए एंबुलेंस मुहैया कराने का प्रावधान नहीं होना बताते ही परिजन काफी उग्र हो गए। इस बीच कई और सगे संबंधी भी पहुंचे और एंबुलेंस मुहैया कराने के लिए अड़ गए। तू-तू, मैं-मैं करने पर अस्पताल प्रबंधक द्वारा पुलिस बुलाने की धमकी देते ही एक परिजन ने खुदकशी करने तक की धमकी दे दी। बाद में अस्पताल के बेड पर पड़े शव को कंधे पर लाद जब चल पड़ा तो अस्पताल प्रबंधन के पांव तले से जमीन खिसक गई। आनन-फानन एंबुलेंस मुहैया कराते हुए शव को एंबुलेंस में लादकर ले जाने की मनौव्वल किया जाने लगा।
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वर्जन
एंबुलेंस उपलब्ध कराने में मरीज को प्राथमिकता दी जाती है। खाली रहने पर शव को भी गंतव्य तक पहुंचा दिया जाता है। आज बेवजह उग्र हुए मृतक के स्वजन द्वारा दुर्व्यवहार के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई।
चंदन कुमार, प्रबंधक, अनुमंडलीय अस्पताल, रोसड़ा