डेंगू व चिकनगुनिया को लेकर जिले में अलर्ट
प्रदेश में डेंगू और चिकनगुनिया के दस्तक देते ही स्वास्थ्य विभाग ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है।
समस्तीपुर। प्रदेश में डेंगू और चिकनगुनिया के दस्तक देते ही स्वास्थ्य विभाग ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। साथ ही रोग के पनपने से पूर्व ही ससमुचित तैयारियां शुरू कर दी है। सिविल सर्जन डॉ. विवेकानंद झा और अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सियाराम मिश्रा ने इसको लेकर संयुक्त रुप से आदेश जारी किया है। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अमरेंद्र नारायण शाही को डेंगू एवं चिकनगुनिया के नियंत्रण को लेकर आईसोलेशन वार्ड बनाने को कहा है। बीमारी की संवेदनशीलता को देखते हुए इसके नियंत्रण के लिए आवश्यक कार्रवाई की जानी है। जिसके लिए 10-10 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार रखने को कहा गया है ताकि इस बीमारी से ग्रसित मरीजों का इलाज किया जा सके। बीमारी की रोकथाम के लिए कंट्रोल रूम स्थापित करने को कहा गया है। इसको लेकर मोबाइल नंबर 7091597406 जारी किया गया है।
डेंगू एवं चिकनगुनिया से पीड़ित मरीजों की सूचना के लिए सिविल सर्जन ने पूर्व मध्य रेल समस्तीपुर मंडल के रेलवे चिकित्सालय की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मोनिका ¨सह को पत्र जारी किया है। इसके अलावा शहर के प्राइवेट स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत चिकित्सकों को पत्र लिखा है। इसमें बताया गया है कि निजी अस्पताल व क्लीनिक में पाए जाने वाले डेंगू एवं चिकनगुनिया के मरीजों का सर्विलांस किया जाना है। इसको लेकर कोई भी मरीज पाए जाने की स्थिति में रिपोर्ट करने को कहा गया है। इस बाबत डॉ. आनंद कुमार, डॉ. विभाष रंजन, डॉ. निशांत कुमार, डॉ. अनिल कुमार कंचन, डॉ. एके साहू, डॉ. आदित्य कुमार, डॉ. एसके मुखर्जी, डॉ. एसके नंदी, डॉ. निलेश कुमार, डॉ. एन झा, डॉ. जय शंकर झा को पत्र जारी किया गया है। साथ ही अनुरोध किया गया है कि संबंधित बीमारी के मरीज के पाए जाने की स्थिति में सिविल सर्जन एवं जिला मलेरिया कार्यालय में रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। मानसून सी•ान में डेंगू और चिकनगुनिया एक आम समस्या है। इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह जानलेवा हो सकता है। मौसम बदलने के साथ ही लोगों को बुखार और जुकाम के अलावा कई तरह की बीमारियां परेशान करने लगती है। इन दिनों चिकनगुनिया और डेंगू होने का खतरा भी बढ़ जाता है और कई बार हम पहचान नहीं पाते हैं कि रोगी को चिकनगुनिया या डेंगू बुखार है या फिर सामान्य बुखार। बुखार के लक्षण लगभग एक जैसे ही होते हैं लेकिन डेंगू चिकनगुनिया की तुलना में ज्य़ादा खतरनाक होता है। चिकनगुनिया की वजह से होने वाला दर्द कुछ महीनों या वर्षों तक बना रह सकता है। चिकनगुनिया 1 से 12 दिन तक रहता है लेकिन इसके लक्षण कई दिनों तक शरीर में मौजूद रहते हैं। जैसे कि जोड़ों का दर्द। डेंगू 3 से 7 दिन तक रहता है लेकिन डेंगू में कम•ाोरी बहुत ज्य़ादा होती है। क्योंकि शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या लगातार घटती रहती है। सामान्य बुखार में तापमान कुछ समय बाद कंट्रोल हो जाता है। चिकनगुनिया में बुखार, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द और आंखों में तकलीफ जैसी समस्याएं होती है। जबकि डेंगू में त्वचा पर रैशे•ा कम होते हैं और आंखों पर भी कम असर पड़ता है। वहीं सामान्य बुखार में सिर्फ शरीर का तापमान बढ़ता है और खांसी हो सकती है। चिकनगुनिया एक वायरस है, जो मच्छर के काटने से होता है। जैसे ही वायरस शरीर में प्रवेश करता है, वैसे ही बुखार, खांसी, •ाुकाम के लक्षण पनपने लगते है।