कृषि को रोजगार से जोड़ने पर ही बनेगी बात
उजियारपुर। मोहनपुर अगर कोई किसी का दुखड़ा सुनने को तैयार हो तो लोग अपनी पीड़ा को अवश्य व्यक्त करेंगे।
उजियारपुर। मोहनपुर, अगर कोई किसी का दुखड़ा सुनने को तैयार हो तो लोग अपनी पीड़ा को अवश्य व्यक्त करेंगे। कुछ ऐसा ही मनोभाव दैनिक जागरण की ओर से दशहरा पंचायत में आयोजित चुनाव चौपाल में देखने को मिला। लोगों को अपनी पीड़ा कहने का मौका मिला कि सब बेबाकी से अपनी बात रखनी शुरू कर दिए। हर वोट कुछ कहता है कार्यक्रम में प्रखंड के पूर्वी हिस्से के समाजसेवी, बुद्धिजीवी, शिक्षक, पर्यावरणसेवी, चिकित्सक आदि ने भाग लिया। इनलोगों ने शिक्षा के गिरते स्तर, शिक्षा के प्रति सरकार की उदासीनता, महिला शिक्षा का अभाव, योजनाओं का आम आदमी तक नहीं पहुंचना, आर्सेनिक युक्त पानी से निजात नहीं मिलना, सड़क का सिकुड़ते जाना, किसानों को भुखमरी का समाना करना, स्वास्थ्य सेवा का बेहतर नहीं होना, बाढ़ की त्रासदी आदि समस्याओं को पुरजोर ढंग से कही। प्रो संजीव भगत ने कहा कि क्षेत्र में उच्च विद्यालयों का अभाव है इससे गरीब परिवार की लड़कियां आठवीं से आगे की शिक्षा नहीं प्राप्त कर पाती है। अखिलेश कुमार ने आम आदमी को शिक्षित नहीं होने देने और उन्हें शिक्षा का प्रमाणपत्रधारी साक्षर बनाने की सोची समझी राजनीति बताया। जलालपुर से आए समाजसेवी रणधीर कुमार राय ने बाढ़ की त्रासदी से मुक्ति के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाए जाने तथा उससे किसानों को होने वाले नुकसान को पटल पर रखा। शिक्षक सुधीर कापर ने कहा क्षेत्र में कहीं पीने योग्य पानी नहीं है। सभी पानी आर्सेनिक मिश्रित होने के कारण दूषित हो गया है। इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। धरणीपट्टी निवासी डॉ. सुनील राय ने बताया कि सरकार की कल्याणकारी योजनाएं आम आदमी तक नहीं पहुंच पा रही है। योजना के वास्तविक अधिकारी उससे वंचित रह जाते हैं और उसका लाभ कोई और उठा ले जाता है। जौनापुर के समाजसेवी देवा सिंह ने लोकसभा में स्थानीय प्रतिनिधि का चयन नहीं होना समस्याओं के निराकारण में बाधक बतलाया। रामईश्वर राम ने अस्पताल में महिला चिकित्सकों की कमी को बड़ी परेशानी बताया। कहते हैं लोग
- मतदाताओं को चाहिए कि जब उनके निकट उम्मीदवार पहुंचे तो उनसे अपनी समस्याओं के निराकरण पर सवाल पूछें। उनके ऐसा करने पर क्षेत्र की समस्या उनके संज्ञान में होगी। साथ ही मतदाता के जागरूक होने का भय भी उन्हें कार्य करने की ओर प्रेरित करेगा।
हरिवंश प्रसाद राय, शिक्षाविद - क्षेत्र में अधिकतर किसान हैं जिनका मुख्य पेशा कृषि है। जरूरत यहां उपजे फसलों से संबंधित कारखाने लगाने और रोजगार के अवसर बढ़ाने की है। इससे किसानों की दशा में सुधार के साथ- साथ बेरोजगारी की भी समस्याएं समाप्त होंगी।
रामविलास राय, समाजसेवी - बिहार में मत प्रतिशत काफी कम नजर आ रहा है। पिछले दिनों हुए लोकसभा चुनाव में मतदान करने में अपना प्रदेश ही पिछड़ गया। अगर यह स्थिति रही तो क्षेत्र का विकास संभव नहीं है। मतदान प्रतिशत बतलाता है कि मतदाता कितने जागरूक हैं।
शिक्षक मनोज कुमार - बेटी और पर्यावरण को बचाने की जरूरत है। महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के संस्थान खोलने के अलावे अस्पतालों में महिला चिकित्सक बहाल करने से समाज का विकास संभव हो सकेगा।
सुजीत कुमार भगत, पर्यावरणसेवी
क्षेत्र की मातृभाषा बज्जिका के उन्यन के लिए आज तक किसी ने नहीं सोचा भी नहीं है। मातृभाषा के संरक्षण होने से हमारी संस्कृति और सभ्यता विनष्ट होने से बच सकती है। जरूरत है उसे सरकारी संरक्षण मिलने की।
सिकंदर राय, अधिवक्ता