तो क्या शराब गटकने के बाद अब पुलिस के कारतूस खा गए चूहे? 12 के खिलाफ FIR
तो क्या शराब गटकने के बाद अब पुलिस के कारतूस खा गए चूहे? समस्तीपुर शस्त्रागार से चार हजार कारतूस गायब होने के बाद यह सवाल लोग पूछ रहे हैं। इस बीच घटना की FIR दर्ज कर ली गई है।
समस्तीपुर [जेएनएन]। बिहार में अब पुलिस के हथियार व कारतूस भी चूहे खाने लगे हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे, आम जनता का तंज है। मामला समस्तीपुर शस्त्रागार से चार हजार कारतूस गायब होने का है। इसके पहले सिवान जिले के पुलिस लाइन से भी भारी मात्रा में हथियार व कारतूस गायब हो चुके हैं।
जानकारी के अनुसार समस्तीपुर पुलिस लाइन के शस्त्रागार और इससे संबंधित कागजात की जांच में वहां से चार हजार कारतूस गायब होने का मामला उजागर हुआ। जांच के बाद इस बाबत मुफस्सिल थाना में एफआइआर दर्ज की गई है। इसमें वर्ष 1999 से चल रही इस अनियमितता का पर्दाफाश करते हुए मेजर, दो सेवानिवृत्त सूबेदार सहित 12 लोगों को नामजद किया गया है।
जांच में पकड़ा गया घोटाला
विदित हो कि वर्तमान पुलिस अधीक्षक ने अपने योगदान के कुछ दिनों बाद ही पुलिस लाइन में अपने निरीक्षण के दौरान इस अनियमितता को पकड़ा था। इसकी जांच के लिए उन्होंने दलसिंहसराय डीएसपी के नेतृत्व में एक कमेटी गठित की थी। जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद रविवार को आइजी कुंदन ने फिर मामले की जांच की। तब जाकर रविवार को एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया गया।
वर्ष 1999 से ही गायब हो रहे थे कारतूस
पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच के लिए जो कमेटी बनायी, उसने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कारतूस गायब होने का यह खेल वर्ष 1999 से ही जारी था। यह 2000, 2001, 2004, 2013 एवं 2016 तक निर्बाध गति से चलता रहा। इन वर्षों में अभी तक चार हजार कारतूस का पता नहीं चल पाया।
लोगों का तंज, चूहे खा गए कारतूस
इस बाबत आम लोगों ने तंज कसा कि शराबबंदी के दौर में जब पुलिस मालखाने में रखी शराब चूहे गटक सकते हैं तो भला कारतूस क्यों नहीं खा सकते। समस्तीपुर निवासी तथा दिल्ली विवि के छात्र संतोष कुमार तथा पटना विवि के छात्र रंजन पटेल ने कहा कि शायद इस बार भी पुलिस खुद को बचने के लिए कोई 'चूहा' खोज ले।
हालांकि, एसपी दीपक रंजन जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन देते हैं।