प्रायोजन एवं पालन पोषण की देखरेख योजना में 38 को मिली स्वीकृति
जिला बाल कल्याण संरक्षण इकाई में मंगलवार को प्रायोजन एवं पालन पोषण देखरेख अनुमोदन समिति की बैठक हुई। सहायक निदेशक गायत्री कुमारी ने योजना अंतर्गत आने वाले बच्चों की श्रेणी के बारे में जानकारी दी। साथ ही इस योजना के तहत प्राप्त आवेदन की जानकारी दी।
समस्तीपुर । जिला बाल कल्याण संरक्षण इकाई में मंगलवार को प्रायोजन एवं पालन पोषण देखरेख अनुमोदन समिति की बैठक हुई। सहायक निदेशक गायत्री कुमारी ने योजना अंतर्गत आने वाले बच्चों की श्रेणी के बारे में जानकारी दी। साथ ही इस योजना के तहत प्राप्त आवेदन की जानकारी दी। इसमें विधवा श्रेणी के कुल 34 आवेदन मिले। इसके अलावा अनाथ श्रेणी के एक, गंभीर बीमारी से संबंधित दो, दिव्यांग श्रेणी के तीन एवं सजायाफ्ता श्रेणी के 11 आवेदन सहित कुल 51 आवेदन मिले। जांच के क्रम में विधवा श्रेणी के कुल 34 आवेदन में दो आवेदक पुर्नविवाह श्रेणी की, एक आवेदक 18 वर्ष से अधिक उम्र की, एक आवेदक योजना की श्रेणी से बाहर एवं तीन आवेदक गांव से बाहर के पाए गए। शेष 27 आवेदन सही पाया गया। अनाथ श्रेणी के एक आवेदक को परवरिश योजना के योग्य माना गया। सजायाफ्ता श्रेणी के 11 आवेदक में से दो आवेदक, 18 वर्ष से अधिक एक आवेदक का जन्म प्रमाण पत्र असत्य एवं दो आवेदन पत्र में जन्म प्रमाण पत्र नहीं पाया गया। शेष छह आवेदन ही सही पाया गया। दिव्यांग श्रेणी के सभी तीन आवेदन एवं गंभीर बीमारी श्रेणी के सभी दो आवेदन सही पाया गया। इस प्रकार कुल 51 आवेदन में से जांच में 38 आवेदन ही सही पाया गया। समिति द्वारा सही पाए गए सभी आवेदन को सर्वसम्मति से स्वीकृत प्रदान करने का निर्णय लिया गया। स्पानशरशिप योजना में सभी स्वीकृत लाभुकों दो हजार रुपये प्रति महीने अनुदान भुगतान का प्रावधान किया गया। मौके पर बाल संरक्षण पदाधिकारी अजय कुमार राय, बाल कल्याण समिति की सदस्य लीना कुमारी, कुमारी प्रियंका, विशिष्ट दत्तक संग्रहण संस्थान की समन्वयक अनीपा कुमारी, नागेंद्र नाथ आदि उपस्थित रहे। योजना का उद्देश्य शीघ्र पूरा नहीं करने पर रद होगी स्वीकृति
समिति द्वारा बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन आवेदक द्वारा संयुक्त खाता के स्थान पर एकल खाता उपलब्ध कराया गया है उन्हें भी स्वीकृति प्रदान की जाती है। अनुदान का भुगतान संयुक्त खाता प्राप्त करने के पश्चात किया जाएगा। समिति द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सभी स्वीकृत लाभुकों का एसएफसीएसी गाइडलाइन के अनुसार आउटरीच वर्कर एवं सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा फॉलोअप प्रतिवेदन प्राप्त करना सुनिश्चित किया जाए। योजना के उद्देश्य को पूरा नहीं करने वाले लाभुकों को शीघ्र स्वीकृति रद करते हुए उनके स्थान पर दूसरे जरूरतमंद आवेदक को स्वीकृत करते हुए भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।