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गोपालगंज बॉर्डर से लाए गए समस्तीपुर के 22 मजदूर

जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने कहा कि राज्य की सीमा पर फंसे जिले के लोगों को बस से लाने का काम शुरू कर दिया गया है। बिहार-यूपी के गोपालगंज स्थित बॉर्डर से समस्तीपुर जिले के 22 लोगों को लाया गया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Apr 2020 12:03 AM (IST)Updated: Wed, 29 Apr 2020 12:03 AM (IST)
गोपालगंज बॉर्डर से लाए गए समस्तीपुर के 22 मजदूर
गोपालगंज बॉर्डर से लाए गए समस्तीपुर के 22 मजदूर

समस्तीपुर । जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने कहा कि राज्य की सीमा पर फंसे जिले के लोगों को बस से लाने का काम शुरू कर दिया गया है। बिहार-यूपी के गोपालगंज स्थित बॉर्डर से समस्तीपुर जिले के 22 लोगों को लाया गया है। सभी को बीआरबी कॉलेज स्थित सेंटर पर रखा गया है। जांच कराने के बाद रिपोर्ट निगेटिव मिलने पर उन सभी को संबंधित प्रखंडों के क्वारंटाइन सेंटर में चौदह दिनों तक रखने के बाद अपने घर जाने दिया जाएगा। वे मंगलवार को वीडियो कान्फ्रेंसिग के माध्यम से प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। डीएम ने कहा कि पैदल, रिक्शा से या फिर किसी गाड़ी में बैठकर दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों के कारण कोरोना वायरस की संभावना ज्यादा बनी हुई थी। सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने बिहार की सीमा पर पहुंचे लोगों को संबंधित जिला में ले जाने के लिए बस की व्यवस्था की है। बॉर्डर से सूचना मिलते ही पुलिस स्कॉट में बस को भेजकर वहां से लोगों को लाया जा रहा है। इससे जांच में सहूलियत होगी। डीएम ने कहा कि पंचायतों में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर से लोगों के घर भाग जाने की घटना को देखते हुए अब प्रखंड स्तर पर क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। जिले में 59 क्वारंटाइन सेंटरों में 661 लोग रह रहे थे। उन सभी को प्रखंड स्तरीय सेंटरों में शिफ्ट कर दिया गया है। हर प्रखंड, अनुमंडल एवं जिला स्तर पर दो हजार लोगों की क्षमता वाला भवन का चयन किया गया है। जहां पर बाहर से आने वाले लोगों को रखा जाएगा। वहां पर भोजन-पानी से लेकर सुरक्षा की भी पुख्ता व्यवस्था रहेगी। डीएम ने कहा कि कई स्थानों पर राहत शिविर चलाया जा रहा है। जिसमें 469 लोग प्रतिदिन भोजन कर रहे हैं।

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विदेशों से आए हैं जिले में 231 लोग

जिलाधिकारी ने कहा कि 15 मार्च के बाद इस जिले में विदेशों से 231 लोग आए हैं। सभी की जांच की जा चुकी है। निगेटिव पाए जाने के बाद सभी के क्वारंटाइन अवधि खत्म होने के बाद उन्हें अपने घरों में रहने की अनुमति दी गई है। इसी तरह दूसरे राज्यों से जिले में 11 हजार 612 लोग आए हैं, जिनकी जांच कर क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया। रिपोर्ट निगेटिव मिलने पर उन्हें घर जाने दिया गया।

अस्सी प्रतिशत राशन का हो चुका है वितरण

डीएम ने कहा कि जिले में अस्सी प्रतिशत राशन का वितरण हो चुका है। राशन वितरण पर पूरी तरह नजर रखी जा रही है। लोगों से मिली सूचना के आधार पर 786 स्थानों पर छापामारी की गई। इसमें से तीन डीलरों का लाइसेंस रद किया गया है। जबकि तीन के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। डीएम ने कहा कि जिले में दाल की आपूर्ति सरकार के द्वारा कर दी गई है। जल्द ही दाल का वितरण शुरू कर दिया जाएगा।

71 हजार लोगों के राशन कार्ड का आवेदन हुआ स्वीकृत

डीएम ने कहा कि 71 हजार लोगों का आवेदन राशन कार्ड के लिए स्वीकृत किया गया है। वर्ष 2016 से अब तक कुल 1 लाख 92 हजार लोगों ने राशन कार्ड के लिए आवेदन कर रखा था। जांच के बाद स्वीकृत आवेदन को आधार से सीडिग का कार्य चल रहा है। इसके अलावा 31 हजार जीविका समूह के सदस्यों एवं शहरी क्षेत्र के तीन हजार वैसे लोगों का आवेदन भी स्वीकृत किया गया है जो रिक्शा, ठेला चलाकर अपनी जीविका चलाते हैं। दरभंगा एवं मधुबनी में कोरोना पॉजिटिव मरीज के मिलने और वहां के व्यापारियों द्वारा मथुरापुर बाजार समिति आकर खरीदारी करने के सवाल पर डीएम ने कहा कि इस पर विचार किया जा रहा है। जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा। मौके पर अपर समाहर्ता विनय कुमार राय, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ऋषभ राज भी मौजूद थे।


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