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आयकर विभाग के रडार पर जिले के 150 नए करोड़पति

जिले के करीब 150 नए करोड़पति आयकर के रडार पर हैं। वर्ष 2016 में नोटबंदी के दौरान 10 लाख से उससे अधिक राशि अपने बैंक खाते में जमा करने वाले ऐसे नए करोड़पतियों की पूरी पड़ताल आयकर विभाग कर रहा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 11:36 PM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 11:36 PM (IST)
आयकर विभाग के रडार पर जिले के 150 नए करोड़पति
आयकर विभाग के रडार पर जिले के 150 नए करोड़पति

---रुपये का लोगो

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- 2016 में नौ नवंबर से 30 दिसंबर तक अपने बैंक खाते में 10 लाख या उससे अधिक राशि जमा कराने वाले लोगों की मॉनीटरिग

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- नोटबंदी के दौरान 10 लाख या उससे अधिक राशि जमा करने वालों की चल रही पड़ताल

समस्तीपुर । जिले के करीब 150 नए करोड़पति आयकर के रडार पर हैं। वर्ष 2016 में नोटबंदी के दौरान 10 लाख से उससे अधिक राशि अपने बैंक खाते में जमा करने वाले ऐसे नए करोड़पतियों की पूरी पड़ताल आयकर विभाग कर रहा। जिले में कुल 525 लोगों को चिह्नित किया गया था, जिन्होंने नोटबंदी के दौरान 10 लाख या उससे अधिक की राशि बैंक खाते में जमा कराई थी। इनमें जांच पड़ताल के बाद 375 लोगों को मुक्त कर दिया गया है, जबकि 150 लोगों की आय संदिग्ध मानी जा रही। इनमें से 50 ने आयकर रिटर्न भी दाखिल कर दिया, लेकिन अब तक वे अपनी आमदनी का वैध स्त्रोत नहीं बता पा रहे हैं। जबकि, करीब एक सौ लोगों ने अब तक आयकर रिटर्न भी दाखिल नहीं किया है।

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राशि को संदिग्ध मानते हुए किया गया फ्रीज

आयकर विभाग के सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2016 में नौ नवंबर से 30 दिसंबर तक अपने बैंक खाते में 10 लाख या उससे अधिक राशि जमा कराने वाले लोगों की मॉनीटरिग की गई। इस मॉनीटरिग में समस्तीपुर जिले के करीब 525 लोगों को चिह्नित किया गया। विभाग की ओर से इसको लेकर पूरी जांच-पड़ताल की गई। इस दौरान वैध स्त्रोत से आय वाले करीब 375 लोगों को मुक्त कर दिया गया। जबकि, करीब 150 लोगों की जमा राशि संदिग्ध पाई गई। इनमें से 50 लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल कर दिया है, जबकि करीब एक सौ ने अभी तक अपना आयकर भी दाखिल नहीं किया है। जिसने आयकर दाखिल भी किया है, उसने अपनी आय के सही स्त्रोत का जिक्र नहीं किया है। इसलिए, करीब 150 लोगों की राशि को संदिग्ध मानते हुए इसे फ्रीज किया गया है।

सूत्रों ने यह भी बताया कि 31 दिसंबर तक इस जांच को पूरा कर लिया जाना है।

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करीब 115 प्रतिशत है जुर्माने का प्रावधान

सबसे बड़ी बात यह है कि नोटबंदी के दौरान जमा की गई राशि का वैध स्त्रोत नहीं बताने पर करीब 115 प्रतिशत टैक्स समेत जुर्माने की राशि वसूल करने का प्रावधान है। यदि किसी ने 10 लाख जमा किया है तो उसे करीब 11 लाख 50 हजार रुपये बतौर टैक्स एवं जुर्माना अदा करना होगा। यदि अपनी जमा रकम को वैध बताते हुए उसके लिए अपील करना चाहते हैं तो पहले उन्हें जमा राशि का करीब 25 प्रतिशत शुल्क के रूप में जमा करना होगा। इसके बाद अपील में जीत होने पर सूद सहित राशि वापस की जाएगी। तब उस राशि को सरकार फ्रीज कर अपने पास रखेगी।


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