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HIV से नहीं मानी हार, 113 महिलाओं ने दिया स्वस्थ बच्चे को जन्म, जानिए कैसे...

समस्तीपुर में 113 HIV पॉजिटिव महिलाओं ने स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया है। ये बेहतर चिकित्सा पद्धति से अब संभव है बशर्ते कि इसकी जानकारी पहले ही हो जानी चाहिए जानिए..

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 04:26 PM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 10:12 PM (IST)
HIV से नहीं मानी हार, 113 महिलाओं ने दिया स्वस्थ बच्चे को जन्म, जानिए कैसे...
HIV से नहीं मानी हार, 113 महिलाओं ने दिया स्वस्थ बच्चे को जन्म, जानिए कैसे...

समस्तीपुर [प्रकाश कुमार]। एचआइवी संक्रमण अब मातृत्व के लिए अभिशाप नहीं रह गया। बशर्ते महिलाओं को पता हो कि वे इससे संक्रमित हैं। चिकित्सा पद्धति ने मां के एचआइवी संक्रमण से उनके गर्भ में पल रहे बच्चे का बचाव मुमकिन कर दिया है।

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समस्तीपुर जिले में ऐसी 113 महिलाओं ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है। यह सब संभव हुआ है सभी के गर्भधारण के दौरान एचआइवी टेस्ट अनिवार्य करने के बाद। इस टेस्ट में गर्भवती की पॉजिटिव रिपोर्ट आते ही इलाज शुरू कर दिया गया। इससे गर्भ में पल रहे बच्चे पर बीमारी का असर नहीं पड़ा।

इस पूरी प्रक्रिया के तहत एंटी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट (एआरटी) सेंटर में एचआइवी संक्रमित महिला के गर्भवती होते ही उसका विशेष ख्याल रखा जाता है। इसके बाद उसे दवा खाने के लिए विशेष रूप से निर्देश दिया जाता है। इससे गर्भस्थ शिशु पर बीमारी का असर नहीं पड़ा है। समय पूरा होने पर एचआइवी संक्रमित गर्भवती को सुरक्षित प्रसव के लिए मुजफ्फरपुर स्थित एसकेएमसीएच रेफर किया जाता है। 

नवजात की मिल रही निगेटिव रिपोर्ट

जिले में अभी तक दो हजार 982 लोगों की एचआइवी जांच और काउंसिलिंग की गई है। इनमें से 1555 पुरुष, 1218 महिलाएं और 209 बच्चे शामिल हैं। इन महिलाओं में 113 गर्भवती ने नवजात को जन्म दिया।

जिले में वर्ष 2016-17 में 33, 2017-18 में 36, 2018-19 में 30 और 2019-20 में सितंबर तक 14 गर्भवती ने नवजात को जन्म दिया। इन महिलाओं की पॉजिटिव रिपोर्ट आते ही स्वास्थ्य विभाग ने इलाज शुरू कर दिया था, जिससे सभी नवजात की एचआइवी रिपोर्ट निगेटिव आई है। 

ये मिलतीं सुविधाएं

-सदर अस्पताल में जांच की मुकम्मल व्यवस्था

-एचआइवी जांच के साथ दी जाती उचित सलाह

-गर्भ काल में संक्रमित महिलाओं की समय-समय पर काउंसिङ्क्षलग  

-कहा-नोडल पदाधिकारी ने

एआरटी सेंटर के नोडल पदाधिकारी डॉ. श्रीराम प्रसाद कहते हैं कि एड्स ऐसी बीमारी है, जो एक बार होने के बाद खत्म नहीं होती। जिस मरीज की रिपोर्ट एक बार पॉजिटिव आ जाती है, वह कभी नेगेटिव नहीं हो सकती। इसलिए पहले से जागरूकता ही बचाव है।

सदर अस्पताल के एआरटी सेंटर में एचआइवी पीडि़तों के इलाज के लिए सुविधाएं उपलब्ध हैं। एचआइवी टेस्ट के साथ उन्हें दवाइयां भी दी जाती हैं। सभी गर्भवती की जांच अनिवार्य है, ताकि उनके बच्चे को यह बीमारी न हो। 

-डॉ. श्रीराम प्रसाद

नोडल पदाधिकारी, एआरटी सेंटर, सदर अस्पताल, समस्तीपुर।


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