ग्रामीणों ने एनजीओ कर्मी को बनाया बंधक
सहरसा। वार्ड स्तर पर गरीब असहाय एवं दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए बेरोजगार युवक एवं युवतियां को नौकरी देने के नाम पर वसूली करने पहुंचे एक एनजीओ कर्मी को सोनवर्षा कचहरी प्रखंड के धकजरी में लोगों ने बंधक बना लिया।
सहरसा। वार्ड स्तर पर गरीब, असहाय एवं दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए बेरोजगार युवक एवं युवतियां को नौकरी देने के नाम पर वसूली करने पहुंचे एक एनजीओ कर्मी को सोनवर्षा कचहरी प्रखंड के धकजरी में लोगों ने बंधक बना लिया। हालांकि बाद में बुजुर्गों की पहल और पैसे वापस करने पर ग्रामीणों ने उसे छोड़ दिया। इधर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने एनजीओ के सहरसा स्थित कार्यालय की जांच और कार्रवाई करने की बात कही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, एक एनजीओ के कर्मी मनोरंजन कुमार सोनबरसा कचहरी थाना क्षेत्र के धकजरी गांव में विभिन्न बेरोजगार युवाओं को पंचायत के वार्ड में स्कूल एवं आंगनबाड़ी संचालन से पूर्व संचालित होने वाले स्कूल में तीन हजार रुपये मानदेय कार्य करने के लिए फार्म भरवाया, लेकिन जब उन्हें ठगी का आभास हुआ तो मंगलवार को पहुंचे कर्मी को अन्य ग्रामीणों के सहयोग से बंधक बना लिया। बंधक बनाए गए संस्था के फील्ड आफिसर के आइडी कार्ड पर ग्रामीण सर्व शिक्षा अभियान एवं नाम मनोरंजन कुमार, कार्यालय पता हटियागाछी हनुमान मंदिर कब्रिस्तान रोड सहरसा लिखा पाया। जब लोगों ने कर्मी से आधार कार्ड की मांग की तो उसने नहीं दिखाया। उसने अपना पता खगड़िया जिला के परबत्ता बताया। ग्रामीण मुखिया प्रतिनिधि घनश्याम ठाकुर,वाड सदस्य अरूण कुमार यादव व अन्य का कहना था कि एनजीओ के नाम पर खगड़िया, मधेपुरा और सहरसा के विभिन्न पंचायतों में पहुंच कर वार्ड में बच्चों को पढ़ाने के नाम पर बेरोजगार लोगों से पहले मात्र एक सौ रुपये लेकर फार्म भरवाते हैं। उसके बाद कार्यालय बुलाकर साक्षात्कार एवं काउंसलिग के नाम पर ठगी करते हैं। जब तक लोगों को ठगी का आभास होता है, तब तक अपना कार्यालय छोड़ फरार हो जाते हैं।
इस संबंध मे बंधक बने कर्मी से जब जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया हम लोगों का एक सौ रुपये में रजिस्ट्रेशन कर फार्म कार्यालय में जमा कर देते हैं। उसके बाद ठगी करने की हमें जानकारी नहीं हैं। हालांकि ग्रामीणों द्वारा जब्त किये रजिस्टर में ख़गड़िया,मधेपुरा सहित अन्य जिले के लोगों का नाम, पता व लेन-देन का हिसाब लिखा मिला है। इस बाबत जिला शिक्षा पदाधिकारी जयशंकर प्रसाद ठाकुर ने बताया कि चुनाव के बाद कार्यालय की जांच होगी। प्रथम²ष्टया यह फर्जी लगता है। जब आंगनबाड़ी व स्कूल हैं तो फिर बच्चे कहां से आएंगे।