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जलसंचयन नहीं होने से भावी पीढ़ी को होगी समस्या: डीएम

संससहरसा जल जीवन हरियाली जन जागरूकता अभियान के तहत सोमवार को जल प्रहरी मनोहर मानव के नेतृत्व में विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी आनंद शर्मा की अध्यक्षता में आदर्श लोक कल्याण संस्थान द्वारा जन जागरूकता कार्यशाला संपन्न हुआ।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 May 2022 11:19 PM (IST)Updated: Mon, 23 May 2022 11:19 PM (IST)
जलसंचयन नहीं होने से भावी  पीढ़ी को होगी समस्या: डीएम
जलसंचयन नहीं होने से भावी पीढ़ी को होगी समस्या: डीएम

संस,सहरसा: जल जीवन हरियाली जन जागरूकता अभियान के तहत सोमवार को जल प्रहरी मनोहर मानव के नेतृत्व में विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी आनंद शर्मा की अध्यक्षता में आदर्श लोक कल्याण संस्थान द्वारा जन जागरूकता कार्यशाला संपन्न हुआ। कार्यशाला का विधिवत उद्घाटन जिलाधिकारी आनंद शर्मा, जलप्रहरी मनोहर मानव ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। संबोधित करते जिलाधिकारी ने कहा कि अभी से जल संचयन नहीं किया गया, तो आगे आने वाली पीढी के लिए बडी समस्या खड़ी हो जाएगी। कहा कि वर्षाजल अमृत के समान होता है। हम सबों का प्रयास होना चाहिए कि इसे संरक्षित करें। इसके लिए पूरा प्रयास करने की जरूरत है। कहा कि जिले में इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जिले के पांच प्रखंडों से गुजरने वाली 54 किलोमीटर लंबी मृतप्राय तिलावे नदी को पुनर्जीवित करने के प्रयास किए जा रहे है, जिसके माध्यम से शहरी क्षेत्र के वर्षा का जल तिलावे नदी में गिराया जाएगा। इससे हजारों एकड़ भूमि में सिचाई हो सकेगी एवं शहरी क्षेत्र में बरसात मौसम के समय होने वाले जलजमाव से भी शहरी क्षेत्र को मुक्ति मिलेगी। डीएम ने कहा कि जिले में जलकुंभी बड़ी समस्या बन गई थी। इसके समाधान के लिए भी प्रयास शुरू कर दिया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत पांच पंचायतों को चिह्नित किया गया है। जहां मनरेगा के माध्यम से जलकुंभी से विभिन्न उत्पाद एवं खाद का निर्माण किया जाएगा।

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पर्यावरण प्रेमी एवं जल प्रहरी मनोहर मानव ने कहा कि वैसे तो बिहार के 38 जिले में अभी भूगर्भ संकट नहीं है, लेकिन जल जीवन हरियाली योजना भविष्य के लिए बहुत बड़ा कदम है। कहा कि तिलावे नदी के जीर्णोद्धार योजना से यह साफ पता चलता है, कि जिले में जल संचयन के प्रति लोग गंभीर हैं। कहा कि बढती भयानक गर्मी असामयिक वर्षा, ग्लेशियर का पिघलना, कहीं भयंकर बाढ तो कहीं सुखा की त्रासदी, छोटी बड़ी नदियों में भयंकर प्रदूषण, वन क्षेत्र का कम होना, भूगर्भ में जलस्तर की कमी, जल आपदा ने मानव जीवन पर संकट खड़ा कर दिया है। इस परिस्थिति में बिहार सरकार ने एक वैश्विक महत्व का पहल जल जीवन हरियाली के रूप में किया है। इस पर्यावरणीय पहल से देश दुनिया को प्रेरणा मिल रही है। उन्होंने कहा कि हम अगर परंपरागत जल स्त्रोत के प्रति लोग अपनी निजी तथा सामाजिक जवाबदेही पैदा नहीं करेंगे, तो आने वाले पीढ़ी पर एक भयंकर खतरा उत्पन्न हो सकता है। मौके पर डीसीएलआर राजेंद्र दास, जिला शिक्षा पदाधिकारी जयशंकर प्रसाद ठाकुर, डीपीआरओ दिलीप कुमार देव, डीपीएम जीविका अमित कुमार, डीपीओ मनरेगा अफरोज आलम आदि मौजूद रहे।


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