दो हजार के नोटों की कमी से एटीएम को लग रहा ग्रहण
सहरसा। आरबीआइ द्वारा जहां नोटबंदी के पश्चात 2000 के नोटों को प्रचुर मात्रा में बैंकों को
सहरसा। आरबीआइ द्वारा जहां नोटबंदी के पश्चात 2000 के नोटों को प्रचुर मात्रा में बैंकों को उपलब्ध करवाया जा रहा था, वहीं बीते माह दो माह से इस नोटों की सामान्य उपलब्धता ही बैंकों को करायी जा रही है तथा इसके एवज में 200 व 500 के ही नोट बैंकों को भेजे जा रहे हैं। फलत: जहां 2000 के नोट के सहारे ए.टी.एम का संचालन बेहद ही दुरूस्त तरीके से किया जा रहा था, वहीं इस पर अब विराम लग गया है। भारतीय स्टेट बैंक प्रधान शाखा में ही दो हजार के नोटों के आने की रफ्तार सुस्त पर गयी है। जिसका नतीजा यह निकला है कि इस बैंक के शहरी क्षेत्र के एटीएम तक खाली रहने लगे हैं। इक्के- दुक्के एटीएम में राशि रहती भी है तो महज 200 के नोटों की ही उपलब्धता रहती है। फलत: 10 हजार की राशि की निकासी करनेवालों को भी 5 दफा एटीएम के बटन दाबने पर रहे हैं। उस दौरान एटीएम पर लगनेवाले कतार में लोगों की वृद्धि होती चली जाती है और कई दफा कतार में खड़े व्यक्ति जब तक एटीएम कक्ष में दाखिल होते हैं तब तक एटीएम ही खाली हो जाया करता है।
गौरतलब हो कि इस शहर में एसबीआई के दो दर्जन एटीएम है। वहीं पूरे जिले में इस बैंक के एटीएम की कुल तादाद 66 की है। जाहिर तौर पर इस बैंक पर ही एटीएम के संचालन का पूरा दारोमदार है और नोटबंदी के पश्चात जब 2000 के नोट इस बैंक के प्रधान शाखा में प्रचुर मात्रा में आने लगे थे तब तक इस बैंक के एटीएम नोटों से पूरी तरह भरे भी रहा करते थे परंतु जबसे 2000 के नोटों का टोटा शुरू हुआ है। तबसे इस बैंक के एटीएम भी जब तब जवाब देने लगे हैं और इस मुसीबत में तब और बढ़ोतरी हो जाती है जब माह के द्वितीय व चतुर्थ शनिवार हुआ करते हैं।
एसबीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रशांत बरियार यह स्वीकार करते है कि हाल के दिनों में 2000 के नोट प्रचुर मात्रा में बैंकों को उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। परंतु वे इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते कि एटीएम के संचालन में इससे कोई परेशानी आ रही है। उन्होंने कहा कि 500 व 200 के नोटों के सहारे एटीएम का संचालन किया तो जा रहा है, परंतु छोटे नोट डाले जाने की वजह से यदा कदा एटीएम में नोटों की किल्लत हो जा रही है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि शनिवार व रविवार के अवकाश में भी ए.टी.एम में नोट डालने की पुख्ता व्यवस्था की गयी है।