यहां रेलवे के बैरियर के कारण लगता है जाम
सहरसा। पूर्व मध्य रेल सहरसा शहर रेलवे के रहमोकरम पर है। शहर को दो भागों में बांट
सहरसा। पूर्व मध्य रेल सहरसा शहर रेलवे के रहमोकरम पर है। शहर को दो भागों में बांटनेवाली रेल पटरी शहरवासियों के लिए सिरदर्द बनती जा रही है। शहर के मुख्य बाजार स्थित बंगाली बाजार एवं गंगजला रेलवे ढाला पर लगा बैरियर दिन भर में 15-20 बार गिरता है। जिस कारण यहां घंटों जाम लगा रहता है। रेलवे ढाला का बैरियर गिरे रहने से ही शहर में जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। रेलवे ढाला के जाम के कारण अब तो लोग घर से ही निकलते वक्त यह कहना नहीं भूलते कि जल्दी चलो कहीं ढाला पर बैरियर गिर जाएगा तो एक घंटा जाम में फंसना पड़ेगा। लोगों का टेंशन का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रेल के अधिकारी की मनमानी का शिकार शहरवासियों को होना पड़ रहा है। सहरसा शहर में पहले शंटिग प्वाइंट बंगाली बाजार रेलवे ढाला के बाद ही था। जिस कारण रेलवे ढाला का बैरियर गिरे रहने पर लोग गंगजला रेलवे ढाला होकर आते जाते थे। लेकिन रेल निर्माण विभाग के अधिकारी ने बेवजह शंटिग प्वाइंट को वहां से बदलकर गंगजला रेलवे ढाला से आगे कर दिया। जिस कारण अब शंटिग प्वाइंट गंगजला रेलवे ढाला के बाद बनाए जाने से शंटिग के दौरान बंगाली बाजार एवं गंगजला रेलवे ढाला का बैरियर एक साथ ही गिरता है और एक साथ ही उठता है। सहरसा से सुपौल रेल खंड के बीच आमान परिवर्तन कार्य के दौरान ही शंटिग प्वाइंट बनाते वक्त रेल अधिकारी यह भूल गए कि यह रेल पटरी शहर के बीचोंबीच है। शंटिग प्वाइंट बदलने से अब बंगाली बाजार और गंगजला दोनों सड़क जाम हो जाती है। जिससे कुछ ही देर में सैकड़ों वाहन बैरियर के दोंनो ओर लग जाती है। अगर शहरवासियों के जाम में फंसने का ख्याल होता तो शायद शंटिग प्वाइंट पूर्व स्थल पर ही होता। अभी तो कोरोना काल में कम ही गाडियों का परिचालन हो रहा है। तब ऐसी स्थिति में दिन भर में 15-20 बार शंटिग होता है। जिस कारण बैरियर गिरा रहता है। एक बार शंटिग के दौरान बैरियर करीब 30-45 मिनट तक गिरा रहता है। इस दौरान शहरवासी जाम में घंटो फंसे रहते है।
------------------------- मरीज की जान रहती खतरे में
शहर के बंगाली बाजार एवं गंगजला रेलवे ढाला पर बराबर एम्बुलेंस जाम में फंसा रहता है। मरीज की जान खतरे में पड़ जाती है। एम्बुलेंस का सायरण लगातार बजते रहता है। लेकिन बैरियर गिरा ही रहता है। जब तक ट्रेन की शंटिग नहीं हेा जाती है तब तक एम्बुलेंस जाम में फंसा रहता है। शहर के पूर्वी एवं पश्चिमी हिस्सा को रेल पटरी ही दो भागों में बांटती है। लोंगो ने रेल अधिकारियों से शंटिग प्वाइंट को बदलने की मांग की है। जिससे शहर में जाम की स्थिति पर नियंत्रण हो सकें।
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शहर के बंगाली बाजार एवं गंगजला रेलवे ढाला पर शंटिग के लिए बैरियर गिरता है। ताकि ट्रेनों व इंजन की आवाजाही ठीक ढंग से हो सकें। एक बार में 15 मिनट से अधिक देर तक बैरियर नहीं गिरा रहेगा। इसके बारे में पहले ही स्थानीय रेलकर्मियों को निर्देश दिया गया है। ओबरब्रिज बनने के बाद जाम की समस्या समाप्त हो जाएगी।
अशोक माहेश्वरी, मंडल रेल प्रबंधक, पूर्व मध्य रेल