आरसीईपी पर हस्ताक्षर नहीं करने का आग्रह
सहरसा। स्वदेशी जागरण मंच के शिष्टमंडल ने शुक्रवार को जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन
सहरसा। स्वदेशी जागरण मंच के शिष्टमंडल ने शुक्रवार को जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजकर क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) पर हस्ताक्षर नहीं करने का आग्रह किया है। प्रांत संयोजक विजय कुमार सिंह, आशीष कुमार, उदाहरण भगत, कुमार नीलमणि सिंह, चंदन सिंह, सुभाषचन्द्र झा, अनीश कुमार झा, पनवन कुमार, रूपेश राय, सागर राय आदि ने कहा कि भारत सरकार 15 अन्य देशों के साथ आरसीईपी नाम से मुक्त व्यापार समझौता करने की ओर अग्रसर हो रही है, जिसमें 80 से 95 प्रतिशत वस्तुओं पर आयात शुल्क शून्य करने का प्रावधान रखा गया है। कहा गया कि यदि यह समझौता होता है, तो इसके बाद भारत के उद्योगों, कृषि एवं डेयरी पर प्रतिकूल दूरगामी प्रभाव होंगे, जिसके कारण न केवल इन क्षेत्रों में बिना शुल्क आयात बढ़ने के कारण उत्पादन पर भारी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और नवीन क्षमताओं की तो संभावनाएं ही समाप्त हो जाएगी। पिछले काफी समय से सस्ते चीनी माल की मार के कारण हमारे अधिकांश उद्योग या तो बंद हो चुके है या मंदी के कगार पर खड़ा है। ऐसे में आरईसीपी में 80 फीसद चीनी उत्पादों पर शून्य आयात शुल्क की प्रतिबद्धता समझ के परे है। इससे न केवल हमारे बचे- खुचे उद्योग तबाह हो जाएंगे, बल्कि कामगारों के रोजगार पर भी भारी चोट होगी और मेक इन इंडिया एक स्वप्न बनकर रह जाएगा। कहा गया कि इससे देश के सभी उद्योग, डेयरी और किसान तबाही होने की आशंका से भयभीत हैं। स्वदेशी मंच ने सरकार से आग्रह किया कि इस समझौते को आगे बढ़ाने पर विराम लगाया जाए और वार्ताकारों को हिदायत दिया जाए कि वे कोई प्रतिबद्धता देने से बचें।