पंचायतों के कृषि कार्यालय में नहीं आते हैं कर्मी
सहरसा। किसानों के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। किसानों के आय बढ़ाने के लिए अच्छ
सहरसा। किसानों के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। किसानों के आय बढ़ाने के लिए अच्छी पैदावार हो इस दिशा में प्रयास भी किया जा रहा है। लेकिन कृषि विभाग के कर्मियों पर इसका असर नहीं दिख रहा है। अनुमंडल क्षेत्र के तीनों प्रखंडों सिमरीबख्तियारपुर, सलखुआ तथा बनमाईटहरी प्रखंड में पंचायत स्तर पर खोले गए कृषि कार्यालयों में कृषि कर्मी नदारद रहते हैं। जबकि पंचायत कृषि कार्यालय में समन्वयकों व सलाहकारों को रहना अनिवार्य है। आलम यह है कि कई पंचायतों में कृषि कार्यालय कहां पर खुला हुआ है उस पंचायत के किसानों को भी नहीं पता है। इसके अलावा जहां पर खुला हुआ है वहां पर किसी कर्मियों से किसान को दर्शन तक नहीं हो पा रहा है। लिहाजा किसान सरकारी योजनाओं की जानकारी वगैरह के लिए इधर-उधर भटकते रहते हैं। जबकि अभी गेंहू तथा मक्का सहित अन्य फसलों की बोआई या पटवन करने में किसान लगे हुए हैं। इस दौरान खेतीबाड़ी के तौर-तरीके, बीज का चुनाव, खेती प्रणाली व अन्य आधुनिक जानकारी किसानों को देने का सही समय है। लेकिन किसानों को ऐसी जानकारी के लिए पंचायत कृषि कार्यालय से निराशा ही हाथ अब तक लग रही है।
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कोसी तटबंध के बंद रहता है कार्यालय
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खासकर सिमरीबख्तियारपुर तथा सलखुआ प्रखंड में बाहर जो स्थिति है उसमें कुछ पंचायतों में तो सुधार है लेकिन कोसी तटबंध के अंदर किसान भगवान भरोसे हैं। कोसी तटबंध के अंदर किसानों की माने तो शायद ही कोई ऐसा पंचायत होगा जहां कृषि कर्मियों का दर्शन हो सके।
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क्या कहते हैं पदाधिकारी
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सिमरीबख्तियारपुर बीएओ प्रहलाद मिश्रा ने बताया कि जिस पंचायत के कार्यालय में कृषि कर्मी नहीं बैठते हैं उसकी शिकायत आने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।