कमजोर महिलाओं के जीवन को संवारने में जुटी है सरिता
सहरसा। नारी कमजोर नहीं होती है यह साबित कर दिखाया सरिता राय ने। सरिता सहरसा समेत अन्
सहरसा। नारी कमजोर नहीं होती है यह साबित कर दिखाया सरिता राय ने। सरिता सहरसा समेत अन्य जिलों को अपना कार्यक्षेत्र बनाकर जीवन में कई चुनौती का सामना करते हुए अशिक्षा, गरीबी, रोजगार के लिए जुझने वाले परिवार के बच्चों और महिलाओं के बीच शिक्षा का अलख जगा रही है। बालिकाओं, महिलाओं के उत्थान के प्रति इनके कार्य को देखते हुए हेल्पिग ह्युमेन एवं संस्कृति फाउंडेशन की ओर से पटना में बिहार रत्न का सम्मान दिया गया।
टॉपर स्टडी प्वाइंट उड़ान सामाजिक संस्था से जुड़ी सरिता झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बाल मजदूर, कचरा चुनने वाले, पेड़ों की पत्तियां जमा करने वाले, बाल मजदूरी करने को मजबूर गरीब एवं जरूरतमंद लोगों की शैक्षणिक जिदगी संवारने के अभियान में जुटी है। ये खुद ही नहीं, अन्य लोगों के साथ मिलकर बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने में मदद करती है। विभिन्न तरीकों से वंचित बच्चों को शिक्षा की ओर जागरूक करने के लिए कार्यक्रम चलाती रहती है। गांव की महिलाओं के मुद्दे, महिला सशक्तिकरण को लेकर भी काफी प्रयास कर चुकी है। वो कहती है कि महिला उत्पीड़न, भेदभाव जबतक पूरी तरह समाप्त करना होगा। कहा कि बच्चों को सही दिशा देने, वंचित बच्चों को शिक्षित करने के लिए उन्होंने अभियान की शुरुआत की थी। उड़ान के माध्यम से बचपन को बचाने, संवारने और सजाने के लिए कार्य किया जा रहा है। कहा कि कुछ बच्चों को स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़ते देखा तो उन्होंने इस सूरत को बदलने की ठान ली थी। आज उसका परिणाम सामने है। उन्होंने कहा कि इलाके में भ्रमण के दौरान अत्याचार सहने वाली छोटी-छोटी लड़कियों का भविष्य संवारने व उनमें जागरूकता लाने के लिए पहल शुरू की और समाज की अन्य महिलाओं का भी इसमें सहयोग मिला। इसके अलावा वो भ्रूण हत्या को लेकर भी लोगों को जागरूक करती है। मूल रूप से हाजीपुर की रहने वाली सरिता द्वारा सहरसा में किये जा रहे इस प्रयास की सभी सराहना करते हैं।