ईश्वर की शरण में जाने का माध्यम है भागवत कथा
सहरसा। खम्हौती पंचायत के ठाकुरबाड़ी प्रांगण में आयोजित नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के
सहरसा। खम्हौती पंचायत के ठाकुरबाड़ी प्रांगण में आयोजित नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के प्रथम दिन सोमवार को कलश यात्रा निकाली गई। यात्रा खम्हौती मध्य विद्यालय होते हुए मधुवन, डाकबंगला चौक, पुरानी बाजार, मखाना बाजार नया टोला होते हुए यज्ञ स्थल पर वापस पहुंची।जिसके बाद वैदिक मंत्रोच्चार व दीप प्रज्वलित कर यज्ञ का शुभारंभ किया गया। मुखिया ललन कुमार ने कहा कि आपसी भाईचारा के साथ ग्रामीणों के सहयोग से यज्ञ कराया जा रहा है। यज्ञ के प्रथम दिन मथुरा वृंदावन से आए कथावाचक आचार्य पंडित विवेक कृष्ण शास्त्री जी महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा अनुश्रवण का सौभाग्य हर किसी को प्राप्त नही होता है। उन्होंने इसके महत्व की चर्चा करते हुए कहा कि इस अमृतकथा का श्रवण कर प्रेत धुंधकारी को प्रेत योनि से मुक्ति मिली थी। कहा जहां कही भी यह कथा होती है, भक्ति वहा पहुंच कर नृत्य करने लगती है। कथावाचक ने कहा कि जिस समय शापित राजा परीक्षित को सुकदेव जी कथा सुना रहे थे, उसी समय समुद्र मंथन से निकले अमृत को लेकर देवता वहां पहुंचे और अमृत के बदले कथा सुनाने की मांग की जिस पर सुकदेव जी ने देवताओं को यह कहकर कथा सुनाने से मना कर दिया कि कांच देकर अमृत की मांग को वो पूरा नहीं कर सकते हैं। कथावाचक ने ज्ञान व वैराग्य प्रसंग की विस्तारपूर्वक चर्चा कर कहा कि भगवान के शरण में जाने का माध्यम है भागवत कथा। मौके पर सत्यपाल शर्मा, दीपनारायण यादव, केशव कुमार, नंदन शर्मा, पिन्टू मेहता, मनोहर साह, प्रियतम कुमार, धर्मेन्द्र कुमार, अखिलेश कुमार, उद्गार कुमार, पंकज, नीलेश, सुभाष, अमित, आदर्श, अजय, अनु, रणवीर, रूबेन, सुधीर कुमार, दौलत कुमार, दरोगी गुप्ता, हीरा भगत, भूषण यादव, डा. मुकेश कुमार, रणवीर कुमार, सिक्को यादव, मनीष, लालो, संजीत मेहता सहित अन्य गामीण मौजूद थे।