मिट्टी की जगह कोसी के बालू से बांध का हो रहा है सुढृढ़ीकरण
सहरसा। कोसी तटबंध के उंचीकरण, सु²ढ़ीकरण एवं कालीकरण के कार्य में प्राक्कलन के अनु
सहरसा। कोसी तटबंध के उंचीकरण, सु²ढ़ीकरण एवं कालीकरण के कार्य में प्राक्कलन के अनुरूप कार्य नहीं कराने की शिकायत ग्रामीणों ने की है। लोगों का कहना है कि कोशी की बालू से बनने वाले बांध को सु²ढ़ बांध नहीं माना जा सकता है। बारिश में यह बांध कटने लगता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कोसी पूर्वी एवं पश्चिमी तटबंध के ऊंचीकरण, सु²ढ़ीकरण एवं कालीकरण को लेकर सरकार द्वारा एक सौ 62 करोड़ की लागत से कार्य करवाए जा रहे हैं। ।6.9 प्रतिशत अतिरिक्त राशि पर टेंडर होने के कारण ये लागत लगभग एक सौ 98 करोड़ की हो जाती है। जिसमें मिट्टी के जगह कोशी की रेत का इस्तेमाल किया जा रहा है। जबकि पश्चमी तटबंध पर अबतक मिट्टी भराई का कार्य शुरू भी नहीं किया जा सका है। प्राक्कलन के अनुसार इस निर्माण कार्य को 31 मार्च 2019 तक समाप्त करना है। महिसरहो निवासी शंभू साह, बलुआहा निवासी रौशन कुमार, महिषी निवासी शंभू चौधरी, गोपाल कुमार सहित अन्य का कहना है कि तटबंध निर्माण में कोशी के रेत का इस्तेमाल तटबंध के बाहर रहने वाले लाखों लोगों के जानमाल के साथ खिलवाड़ करना है। गंड़ौल के मनोज ¨सह बबलू, मुन्ना चौधरी सहित अन्य का कहना है कि पश्चमी तटबंध पर मिट्टी भराई कार्य शुरू नहीं कर संवेदक द्वारा पुरानी मिट्टी को समतल कर छोड़ दिया गया है।