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मानव सेवा के प्रतीक थे लक्ष्मीनाथ गोसाईं : महराज जी

सहरसा। बुधवार को बनगांव संत लक्ष्मीनाथ बाबा जी कुटी परिसर लोक देवता संत शिरोमणी लक्ष्मीनाथ गोस

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Dec 2018 07:35 PM (IST)Updated: Wed, 05 Dec 2018 07:35 PM (IST)
मानव सेवा के प्रतीक थे लक्ष्मीनाथ गोसाईं : महराज जी
मानव सेवा के प्रतीक थे लक्ष्मीनाथ गोसाईं : महराज जी

सहरसा। बुधवार को बनगांव संत लक्ष्मीनाथ बाबा जी कुटी परिसर लोक देवता संत शिरोमणी लक्ष्मीनाथ गोसाईं स्मृति पर्व समारोह का आयोजन किया गया। आयोजित समारोह का उद्घाटन हरिद्वार से आये मुख्य अतिथि संत परमेश्वरानंद जी महाराज द्वारा लक्ष्मीनाथ के चित्र पर फूल माला चढा और दीप प्रज्वलित कर किया।

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इस मौके पर परमेश्वरानंद जी महराज ने कहा की संत लक्ष्मीनाथ गोसाईं एक धर्म मार्गी थे जो आज भी समाज के लिए प्रासांगिक हैं। वर्तमान समय में लोगों को उनके संस्कार से लोगों को प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। पूर्व विधायक संजीव झा ने भी संत लक्ष्मीनाथ गोसाई के जीवनी प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके द्वारा समाज में किए गए सामाजिक हितों के लिए किए गए कार्य आज भी लोगों के लिए एक प्रेरणा है। इसके पूर्व भोला खां व अन्य ग्रामीणों द्वारा आगंतुक अतिथियों को पाग चादर देकर सम्मानित किया। समारोह में लक्ष्मीनाथ रचित भजनों को गायकों सहित मनीलता शिक्षा निकेतन और शहीद रमन झा स्कूल के बच्चे बाल कलाकार शुभम मिश्रा, त्रिमाशी वर्मा, रेशमी राज, रजनी राज, सांम्भवी ¨सह आदि ने भी गाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। समारोह पिताम्बर खां के अध्यक्षता एवं माधव झा के संचालन में संयोजक संजय मिश्र, जवाहर खान, बलराम खान, बैजनाथ झा,अभय कान्त ठाकुर सहित अन्य ने भी समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि लक्ष्मीनाथ गोसाईं मानव सेवा के प्रतीक थे। उन्होंने.सम्प्रदाय से अलग हट मानव धर्म को अपनाया। हिन्दू, मुसलमान के गौस खां तथा ईसाई जाति के जान सबसे प्रिय शिष्य थे।


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