सजग रहता प्रशासन तो नहीं जाती अर¨वद की जान
सहरसा: डीआइजी कार्यालय में पदस्थापित एक सिपाही के पति अर¨वद तो अब इस दुनिया में नहीं रहे।
सहरसा: डीआइजी कार्यालय में पदस्थापित एक सिपाही के पति अर¨वद तो अब इस दुनिया में नहीं रहे। लेकिन अगर शुरू से प्रशासन सजग रहती तो शायद यह घटना नहीं होती। थाना के आगे वर्षों से अतिक्रमण होने के बाद प्रशासन की सुस्ती के कारण महज कचरा फेंकने के विवाद में एक की जान चली गयी।
सदर थाना के आगे वर्षों पूर्व उमेश भगत ने एक कटघरा में पान दुकान खोला था। लेकिन समय के साथ ही कटघरा की जगह शेड बन गया और दुकान का विस्तार होता है। अर¨वद कुमार पंडित ने भी वहां शेड बनाकर एक नंबर प्लेट बनाने की बगल में दुकान खोल दी। लोगों की मानें तो उमेश भगत का पुत्र भी नंबर प्लेट ही बनाता था और अर¨वद भी नंबर प्लेट ही बनाता था। आसपास में ही नंबर प्लेट की दो दुकान रहने के कारण ग्राहकों को लेकर दोनों के बीच किचकिच होती रहती थी। इसी विवाद को लेकर दोनों के बीच तनातनी रहती थी। कचरा बहाना था और इसको लेकर मारपीट में अर¨वद की हत्या कर दी गई।
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विवादों से रहा है नाता
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पान दुकानदार की भाषा के कारण अक्सर विवाद होता रहता था। कई बार वहां मारपीट की घटना भी हो चुकी है। वर्तमान में डीआइजी कार्यालय में कार्यरत एक जमादार से काफी दिनों पूर्व जमकर विवाद हुआ था। एक व्यवसाई के साथ भी मारपीट की घटना हुई थी। यही नहीं दुकानदार जिस मोहल्ले में रहते हैं वहां भी जमीन लेकर कुछ माह पूर्व विवाद हुआ था।
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मौत से परिजनों में मचा कोहराम
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मारपीट के बाद कुछ ही पल में अर¨वद की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। मूल रूप से सिमरीबख्तियारपुर थाना क्षेत्र के बहरकुरवा गांव निवासी अर¨वद काफी मृदुभाषी थे। पत्नी नीलम कुमारी, पुत्र सोनू कुमार का रो-रोकर बुरा हाल था। परिजन यही कह रहे थे कि रोजी-रोटी के लिए दुकान चलाते थे। आरोपितों का क्या बिगाड़ा था जो हत्या कर दी।
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मामले में चार नामजद
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मृतक के पुत्र सोनू कुमार के बयान पर सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है। जिसमें उमेश भगत, उनकी पत्नी अनिता देवी, पुत्र विपीन कुमार भगत, अर¨वद कुमार भगत को नामजद किया गया है। सभी आरोपित को पुलिस ने तुरंत गिरफ्तार कर लिया।