कम बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर फेरा पानी
सहरसा: कोसी क्षेत्र में प्राय: अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण खरीफ की फसल बर्बाद हो जाती है।
सहरसा: कोसी क्षेत्र में प्राय: अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण खरीफ की फसल बर्बाद हो जाती है। गत वर्ष भी अधिक बारिश के कारण सहरसा जिले में 27 हजार हेक्टेयर में लगी धान की फसल बर्बाद हो गई थी। मांगों के अनुरूप राशि नहीं मिल पाने के बाद भी जिला प्रशासन को जिले में तीन करोड़ रूपए क्षतिपूर्ति मद में बांटना पड़ा। वहीं इस वर्ष अल्पवृष्टि के कारण धान व मक्का के फसल पर संकट मंडरा रहा है। धान के पौधे पीले पड़ने लगे हैं। अच्छी बारिश की संभावना के मद्देनजर आच्छादन लक्ष्य के विरुद्ध ग्यारह फीसद अधिक रोपनी हुई। परंतु इस धान को बचाना कठिन हो रहा है। जिले में अबतक लक्ष्य के विरुद्ध 39.50 फीसद कब बारिश हुई। बारिश के अभाव में किसान आसमान को निहार रहे हैं। उनकी उम्मीदों पर पानी फिर रहा है।
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धान को बचाना कृषि विभाग के लिए भी बनी है चुनौती
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चालू वित्तीय वर्ष में कृषि विभाग ने 63 हजार हेक्टेयर भूमि में धान का आच्छादन लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसके विरुद्ध अच्छी बारिश की संभावना से 6988 हेक्टेयर में धान की खेती की गई। अर्थात धान आच्छादन में 111 फीसद उपलब्धि हासिल की गई। उम्मीद थी कि इस वर्ष गत भी वर्ष की तरह बारिश होगी, जो नहीं हुई और धान को बचा पाना किसान और कृषि विभाग के लिए चुनौती बनी हुई है।
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महज 512 मिली हुई बारिश
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जून से अबतक हुई वर्षापात की स्थिति बेहद ही ¨चताजनक है। जून माह में सामान्य वर्षापात 217.60 के विरुद्ध वास्तविक वर्षापात 144.03, जुलाई में 326.20 के विरुद्ध 166.55, अगस्त में 303.80 के विरुद्ध 201.72 मिली बारिश हुई। चालू माह में अब तक 34.02 सामान्य वर्षापात के विरुद्ध 23.41 मिली बारिश हुई, जिससे धान की फसल को बचाने के लिए किसान बेहद ¨चतित है।
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महज 11471 किसानों को मिला डीजल अनुदान का लाभ
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डीजल अनुदान के लिए प्राय: सरकार स्तर से काफी देर से निर्णय लिया जाता है, जिससे कारण खेती प्रभावित होती है। डीजल अनुदान के लिए ऑनलाईन आवेदन किए जा रहे हैं। अबतक जिले के 28346 किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किया है, जिसमें प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद महज 11471 को ही भुगतान किया जा सका है। शेष किसान ऑनलाइन आवेदन के लिए भागदौड़ कर रहे हैं।
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वर्षापात की कमी से धान की फसल प्रभावित हो रही है, परंतु सरकार ने ऑनलाइन डीजल अनुदान का भुगतान प्रारंभ कर दिया है। किसान सलाहकारों एवं अन्य कर्मियों, अधिकारियों को इसके लिए निदेश दिया गया है। धान को बचाने के लिए सरकार और विभाग स्तर से हर संभव कोशिश की जा रही है।
दिनेश कुमार,
जिला कृषि पदाधिकारी, सहरसा।