कोशी फिल्म फेस्टिवल की तैयारी जोरों पर
सहरसा : कौशिकी के पावन तट पर अवस्थित सहरसा पौराणिक काल से ही प्राकृतिक सुषमा, सांस्कृ
सहरसा : कौशिकी के पावन तट पर अवस्थित सहरसा पौराणिक काल से ही प्राकृतिक सुषमा, सांस्कृतिक विशिष्टिता, धार्मिक आस्था एवं गौरवशाली विरासत की धनी रही है। संस्कृति के आंचल तले यह कोशी के प्रवाह में अनंत दूरी तक अपने विकास के रास्ते में अग्रसर है। इसी क्रम में सहरसा ग्रुप कोशी क्षेत्र में पहली बार फिल्म फेस्टिवल के आयोजन को लेकर तैयारी में जुटी है। कोशी शुरू से ही ज्ञान की भूमि रही है, एक से एक वीर और ज्ञानी की जन्मस्थली और कर्मस्थली रही है। फिर बात चाहे पूर्व मीमांसा और अद्वैतवाद के प्रखर विद्वान मंडन मिश्र की हो, या विदुषी भारती की। लोकदेवता कारू खिरहरि की हो या परम संत लक्ष्मीदनाथ गोसाई की। कोशी न केवल ज्ञान का विपुल भंडार रही है अपितु राजकमल चौधरी, मनोरंजन झा, मायानंद मिश्र, और महाप्रकाश, साकेतानंद जैसे साहित्य सेवियों की धरती भी रही है, जिसने अपने अनुपम ज्ञान के खजाने से संपूर्ण जगत को रौशन किया है। कला के क्षेत्र में अगर बात करें तो यह मांगैन खबास, पंडित रघु झा के साथ, बनैली के कुमार और शास्त्रीय संगीत के मर्मज्ञ श्यामानंद ¨सह की भी धरती रही है। यहां के कई सितारों ने मुंबई फिल्म जगत में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। फिर चाहे गुलाल के पंकज झा हो या झांसी की रानी की उल्का गुप्ता या गैंग्स ऑफ वासेपुर के फजलू हो या सजना के अंगना में सोलह श्रंगार के राहुल सिन्हा। राजशेखर, रामबहादुर रेणु, नवनीत झा, प्रकाश कुमार,श्रीराम यादव आदि सबने अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया है।
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कलाकारों को मिलेगा मंच
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कोशी फिल्म फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र के तमाम रंगकर्मी और कलाप्रेमी को एक मंच देना है ताकि लोग इन अभिनेताओं और कलाकारों को नजदीक से समझ सकें। उनके संघर्ष से सफलता तक की कहानी को अपने आंखों से देख सकें। सिनेमा की बारीकी की समझ सकें और कोशी क्षेत्र में फिल्मों के विकास और निर्माण की संभावनाओं को तलाश कर सकें। इस आयोजन के द्वारा कोशी क्षेत्र में सिनेमा समाज और संस्कृति?, रंगमंच, लोककला तथा लोकभाषा को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाएगा।
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फिल्मों की होगी प्रदर्शनी
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समारोह मुख्य रूप से देश विदेश से आए फिल्मों की प्रदर्शनी को लेकर भी है। इस दौरान देश विदेश से आए फिल्मों में से ज्यूरी द्वारा चुने गए फिल्मों को प्रदर्शित किया जाएगा और तत्पश्चात उस सिनेमा के विषय में उस फिल्म के कोर टीम और दर्शकों से सीधा संवाद कराया जाएगा। ताकि क्षेत्र के लोग सिनेमा की बारीकियों को समझ सकें। सभी फिल्मों के प्रदर्शन के पश्चात उत्कृष्ट फिल्मों को उनके कैटगरी के अनुसार पुरस्कृत किया जाएगा।
यहां बता दें कि सहरसा ग्रुप कोशी तथा समीपवर्ती क्षेत्र के नेट प्रयोगकर्ता का एक प्रीमियर ग्रुप है। 43000 से अधिक उपयोगकर्ता के साथ यह इस क्षेत्र का सबसे बड़ा फेसबुक ग्रुप भी है। कोशी क्षेत्र में इंटरनेट की दस्तक के साथ ही सहरसा ग्रुप ने क्षेत्र के सोशल मीडिया यूजर को एक बेहतरीन मंच प्रदान किया है। प्रत्येक वर्ष इस ग्रुप के सदस्यों द्वारा एक मिलन समारोह आयोजित किया जाता रहा है।