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विकास करना है तो अपनी खामियों से लड़ना सीखो

सहरसा : रविवार को गायत्री शक्तिपीठ में व्यक्तित्व परिष्कार कार्यक्रम संपन्न हुआ। संबोधित करते

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Jul 2018 07:01 PM (IST)Updated: Sun, 15 Jul 2018 07:01 PM (IST)
विकास करना है तो अपनी
खामियों से लड़ना सीखो
विकास करना है तो अपनी खामियों से लड़ना सीखो

सहरसा : रविवार को गायत्री शक्तिपीठ में व्यक्तित्व परिष्कार कार्यक्रम संपन्न हुआ। संबोधित करते हुए ट्रस्टी डॉ. अरूण कुमार जायसवाल ने बताया कि युद्ध बाहर नहीं अंदर है। जीवन अपने आप में युद्ध है। जीवन में विकास करनी है तो अपनी खामियों से लड़ना होगा। व्यक्ति निर्माण, परिवार निर्माण, समाज निर्माण यही जीवन का लक्ष्य होना चाहिए। कर्म का प्रेरक तत्व अगर लोभ और भय है तो तबतक आप कर्मफल की व्यवस्था से बंधे हैं। यदि कर्म की प्रेरक तत्व परमात्म तत्व है तो आप कर्मफल की व्यवस्था से मुक्त हैं।

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इस अवसर पर नागपुर से आई असिस्टेंट आडिटर सीएजी शिल्पी ने कहा कि आगे बढ़ने के लिए यहां प्रेरणा मिलती है। इस अवसर पर मुख्य ट्रस्टी प्रकाश लाल दास, केदारनाथ टेकरीवाल, विनोद कुमार चौधरी, ललन कुमार ¨सह, श्यामानंद लाल दास, हरेकृष्ण साह, दिनेश दिनकर, पप्पू गनेरीवाल, हरिश जायसवाल, नूनूमणि ¨सह, समर जी, अमोद जी, मनीषा, दीपा, ज्योति, प्रज्ञा, ईशा, आशीष, सुनीता चौधरी, शांति मंडल, विनीत आदि मौजूद रहे।


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