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नदियों को बंधनमुक्त कर ही मिल सकती है बाढ़ से मुक्ति

सहरसा। हिमालय से निकलकर नेपाल होते हुए कोसी क्षेत्र में तबाही मचानेवाली कोसी नदी हर वर्ष बाढ

By Edited By: Published: Thu, 30 Jun 2016 03:01 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2016 03:01 AM (IST)
नदियों को बंधनमुक्त 
कर ही मिल सकती है 
बाढ़ से मुक्ति

सहरसा। हिमालय से निकलकर नेपाल होते हुए कोसी क्षेत्र में तबाही मचानेवाली कोसी नदी हर वर्ष बाढ़ के पानी के साथ- साथ बड़ी मात्रा में रेत, कंकड व पत्थर लेकर आती है। कुसहा तटबंध टूटने के बाद कुसहा से 40 किलोमीटर दूर तक सैकड़ों एकड़ उपजाऊ भूमि बर्बाद हो गई। बाढ़ का पानी जिस रास्ते से गुजरा उस इलाके के खेतों में सिर्फ बालू ही नजर आ रहा है। जल विशेषज्ञ दिनेश मिश्र कहते हैं कि बराज से पानी छूटने पर अमूमन हर वर्ष कोसी नदी में चार ईंच बालू आती है, परंतु तटबंध निर्माण से अबतक छह दशक वर्ष बीत जाने के बाद भी सरकार ने इसकी सफाई के लिए कोई ¨चता नहीं दिखाई। यही कारण है कि नौ लाख घनफुट प्रति सेकेंड पानी बर्दाश्त करने की क्षमता वाला कोसी दिनोदिन कमजोर होता जा रहा है। अबतक तटबंध सात बार टूट चुका है। वर्ष 2008 में कुसहा बांध मात्र एक लाख 44 हजार क्यूसेक का बहाव बर्दाश्त किए बिना ही टूट गया। वर्ष 1954 में तटबंध का निर्माण हुआ, इससे पूर्व हिमालय से निकलकर कोसी नदी बाढ़ का पानी और बालू की सौगात धेमरा, तिलाबे, सुरसर, लोरम, चिलौनी, परवान, सोने पुरैन और घघड़ी के साथ- साथ पड़ोसी जिले के लकड़ी, पलार, मेची, रमजान, सऊरा, दुलार, अरैनी व हिरण्या आदि नदियों को भी देती थी। बांध बन जाने के बाद अधिकांश बालू, कंकड़ और पत्थर तटबंध के बीच वाली नदियों में ही रह जाती है, जो एक बहुत बड़ा संकट बन रहा है। जल विशेषज्ञों का कहना है कि बीते पचास वर्ष में कोसी नदी ने 120 किलोमीटर में अपना विस्तार किया। देश की दूसरी नदियों की सफाई पर करोड़ों खर्च हुए, परंतु हर वर्ष तांडव मचानेवाली कोसी और उसकी सहायक नदियों की सफाई पर किसी ने ¨चता नहीं दिखाई। हाल में वीरपुर बैराज के समीप सिल्ट्रेशन हटाने का प्रयास तो किया गया, परंतु तटबंध के अंदर नदी की सफाई पर छह दशक से विचार मंथन ही चल रहा है, जिससे नदी दिन-ब- दिन उग्र होती जा रही है। जल विशेषज्ञों का कहना है कि बाढ़ के स्थायी समस्या के समाधान के लिए उसे बंधन से मुक्त कर पुन: सप्तधारा में बहाने की योजना बनानी होगी, अथवा बराह क्षेत्र में डैम का निर्माण करना होगा। तात्कालिक तौर से इसपर काबू पाने के लिए सिल्ट्रेशन हटाने का प्रयास करना चाहिए।


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