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एक पखवाड़े में कैसे पूरा होगा 14 हजार आवास

सहरसा। जिले में जहां 2012 से अबतक का हजारों इंदिरा आवास लंबित पड़ा है वहीं वित्तीय वर्ष

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Mar 2019 11:41 PM (IST)Updated: Sat, 16 Mar 2019 11:41 PM (IST)
एक पखवाड़े में कैसे पूरा होगा 14 हजार आवास
एक पखवाड़े में कैसे पूरा होगा 14 हजार आवास

सहरसा। जिले में जहां 2012 से अबतक का हजारों इंदिरा आवास लंबित पड़ा है, वहीं वित्तीय वर्ष 2017-18 और 18-19 में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के चयनित लाभुकों का आवास पूर्ण कराना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। कार्य में लापरवाही बरतने के लिए विगत दो महीने से सभी पीआरएस का वेतन स्थगित है। नौ पीआरएस को बर्खास्त भी कर दिया वहीं डेढ़ दर्जन आवास सहायकों पर भी कार्रवाई की गाज गिरनेवाली है। बावजूद इसके वित्तीय वर्ष समाप्त होने के एक पखवाड़े पूर्व तक मुश्किल से 30 फीसद ही आवास पूरा हो सका है। स्वीकृत सभी 24 हजार लाभुकों को कालबद्ध नीति के तहत सात नवंबर 2018 से पूर्व आवास निर्माण पूरा कराकर गृहप्रवेश कराना था। दोनों वर्ष को मिलाकर जिले में 29,741 आवास का लक्ष्य है, जिसमें 5313 अनुसूचित जाति-जनजाति कोटा के लक्ष्य को प्रत्यर्पित करने के बाद 24428 की तैयारी प्रारंभ किया। इसमें 23094 को प्रथम किस्त, 10307 को द्वितीय तथा 2132 को तृतीय किस्त की राशि दी गई। गृहप्रवेश की तिथि सात नवंबर 2018 निर्धारित थी, परंतु अधिकारियों- कर्मियों की लापरवाही एवं अन्य कई कारणों से आवास पूरा नहीं हो सका। 24 हजार की जगह अबतक मात्र दस हजार आवास ही पूरा किया जा सका है।

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लाभुकों के खाते में समय पर नहीं गई मजदूरी मद की राशि

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आवास योजना में मनरेगा योजना से 90 दिन की मजदूरी लाभुक को भुगतान किए जाने का प्रावधान किया गया है। इस कार्य में जिले के सभी पंचायत रोजगार सेवकों द्वारा घोर मनमानी बरती गई। कोई न कोई बहाना बनाकर लाभुकों को इस मद की राशि नहीं दी गई, जिसके कारण लिटर तक तैयार अधिकांश आवास भी पोर्टल पर ऑनलाईन नहीं हुआ। छोटी-मोटी राशि के कारण हजारों आवास अपूर्ण पड़ा हुआ है। जब समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई तो सबसे खराब प्रदर्शनवाले नौ पीआरएस का अनुबंध रद कर दिया गया। वहीं जिले के सभी पीआरएस का वेतन रोक दिया गया। कार्रवाई के बाद योजना में थोड़ी तेजी आई, परंतु फिर कार्य शिथिल पड़ गया। जिससे लक्ष्य को पूरा किया जाना असंभव लग रहा है।

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कुछ माह पूर्व आवास कर्मियों के हड़ताल में चले जाने और जिले में ईंट की किल्लत के कारण आवास योजना की गति में कमी आई। समीक्षा के दौरान लापरवाही बरतनेवाले नौ रोजगार सेवकों को बर्खास्त कर दिया गया, जबकि शेष को कड़ी चेतावनी दी गई है। बहुत सारे आवास का कार्य अंतिम चरण में है।

राजेश कुमार सिंह, उप विकास आयुक्त, सहरसा।


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