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अब चावल डकारने की फिराक में है कई सहकारी समितियां

सहरसा। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में धान खरीद के बदले चावल जमा करने की अंतिम तिथि 15 जुलाई निर्धारित है परंतु सहकारी समितियों की मनमानी के कारण विभिन्न पैक्सों पर अभी भी 51 हजार 800 क्विंटल चावल बकाया रह गया है। कोरोना संक्रमण के दौरान सरकार के घोषणानुसार गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न के वितरण हेतु जिलाधिकारी कौशल कुमार ने मई माह में ही शत- प्रतिशत चावल जमा करने का निर्देश दिया था लेकिन जुलाई की घोषित अंतिम तिथि पर इसके जमा होने की उम्मीद कम लग रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Jul 2021 06:37 PM (IST)Updated: Thu, 08 Jul 2021 06:37 PM (IST)
अब चावल डकारने की फिराक 
में है कई सहकारी समितियां
अब चावल डकारने की फिराक में है कई सहकारी समितियां

सहरसा। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में धान खरीद के बदले चावल जमा करने की अंतिम तिथि 15 जुलाई निर्धारित है, परंतु सहकारी समितियों की मनमानी के कारण विभिन्न पैक्सों पर अभी भी 51 हजार 800 क्विंटल चावल बकाया रह गया है। कोरोना संक्रमण के दौरान सरकार के घोषणानुसार गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न के वितरण हेतु जिलाधिकारी कौशल कुमार ने मई माह में ही शत- प्रतिशत चावल जमा करने का निर्देश दिया था, लेकिन जुलाई की घोषित अंतिम तिथि पर इसके जमा होने की उम्मीद कम लग रही है। जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि इसबार भी चावल डकारने के फिराक में समितियं लगी हुई है।

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अबतक 36,941 क्विटल चावल किया गया जमा

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खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में क्रय धान के समतुल्य 42 हजार 121.515 एमटी अर्थात 1560 लाट सीएमआर (धान के बदले चावल) जमा किया जाना है। परंतु, अबतक 1368 लाट ही चावल जमा किया गया। समय महज छह दिन शेष बचा है, जबकि समितियों के पास 5180.223 एमटी यानि 192 लाट चावल शेष बचा हुआ है।

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चावल घोटाला के कारण पूर्व में भी कई समितियों पर हुआ है मामला दर्ज

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वर्ष 2012 में राज्यभर में बड़े पैमाने पर चावल घोटाला के बाद खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने इसके नियम में तब्दीली कर दिया। बावजूद इसके धान खरीद का फेक रिपोर्ट पेश किए जाने के कारण कई समितियां चावल आपूर्ति में पछाड़ खाती रही है। वर्ष 2018-19 में भी चावल जमा नहीं किए जाने के कारण 11 समितियों पर संबंधित प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई और नीलाम पत्र वाद दायर किया गया। पुलिसिया कार्रवाई के बाद इसमें कुछ ने चावल की राशि जमा की, जबकि कुछ विभाग की नजर में अब भी व्यक्तिक्रमी (डिफाल्टर) की सूची में है, इन समितियों के सभी कार्यकलाप पर रोग लगा हुआ है। इस वर्ष की समितियां चावल जमा करने में सुस्त बनी हुई है।

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कुछ समितियां सीएमआर जमा करने में लापरवाही बरत रही है। निर्धारित अवधि तक जमा नहीं करनेवाले समिति के अध्यक्षों पर केस दर्ज कर नीलाम पत्र वाद दायर किया जाएगा।

सैयद मशरूख आलम

डीसीओ, सहरसा।


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