घूस लेना पड़ रहा भारी, अधिकारियों की जा रही नौकरी
निगरानी जांच की जद में आए अधिकारियों की नौकरी जा रही है। शिक्षा विभाग के डीईओ से लेकर अधिकारी तक की गिरफ्तारी हो चुकी है।
सहरसा [अमरेंद्र कांत]। रिश्वत लेने के आरोप में निगरानी विभाग की जांच के दायरे में आए शिक्षा विभाग के अधिकारियों की नौकरी अब जाने लगी है। कोसी इलाके में डीईओ समेत शिक्षा विभाग के सात अधिकारियों को निगरानी ने गिरफ्तार किया है। अब, इनकी नौकरी पर भी आफत आ गई है।
सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज में पदस्थापित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी लाल कुंद कुमार को निगरानी की टीम ने चार दिसंबर 2015 को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया था। उसे विभाग ने निलंबित कर दिया। जमानत मिलने के बाद 20 मई 2016 को योगदान देने के बाद उसे निलंबनमुक्त किया गया। इसके बाद क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक, दरभंगा प्रमंडल द्वारा विभागीय कार्रवाई के तहत उसपर आरोप गठित किया गया।
जांच में सरकारी सेवक के रूप में अशोभनीय कार्य करने के सभी आरोप प्रमाणित हो गए। इसके बाद निदेशक, प्राथमिक शिक्षा ने उसे बर्खास्त कर दिया। इससे पूर्व भी निगरानी जांच की जद में आए अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है। सहरसा जिले में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुमन ठाकुर को निगरानी विभाग ने गिरफ्तार किया था। उसे भी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। मामला अभी न्यायालय में चल रहा है।
इसी तरह ट्रेनिंग कॉलेज, मधेपुरा के प्राचार्य प्रदीप कुमार व बनमा ईटहरी के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को निगरानी विभाग ने गिरफ्तार किया था। दोनों को बर्खास्त कर दिया गया। यद्यपि, पटना उच्च न्यायालय के निर्देश पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को फिर से सेवा में वापस कर लिया गया। पिछले दिनों सुपौल के जिला शिक्षा पदाधिकारी मु. हारूण को भी निगरानी विभाग ने गिरफ्तार किया था। उसकी भी बर्खास्तगी हो सकती है।