सिर्फ मेड इन मुंगेर ही नहीं, नेपाल के रास्ते भी कोसी में पहुंच रहा हथियारों का जखीरा
बिहार के कोसी में मेड इन मुंगेर ही नहीं नेपाल के रास्ते भी हथियारों का जखीरा पहुंच रहा है। ऐसा कोई महीना नहीं गुजरता जब यहां से हथियारों की बरामदगी न की जा रही हो। मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा भी किया जा चुका है।
जागरण संवाददाता, सहरसा: कोसी के इलाके में मुंगेरिया ही नहीं, नेपाल से तस्कर हथियार लाकर बेच रहे हैं। कट्टा, पिस्तौल, कारबाइन के अलावा अन्य अत्याधुनिक हथियार तस्कर आसानी से बदमाशों तक पहुंचा रहे हैं। कई बार पुलिस को उपलब्धि भी हाथ लगती है। बावजूद तस्कर हथियार की तस्करी कर रहे हैं। यही नहीं इस इलाके में हथियार बनाने की मिनी गन फैक्ट्री भी पकड़ी जा चुकी है।
हर माह बरामद हो रहे चार दर्जन हथियार
सिर्फ कोसी की ही बात करें तो इस इलाके में हर माह पुलिस करीब चार दर्जन अवैध हथियारों की बरामदगी कर रही है। पिछले एक साल में करीब सात सौ हथियार व 15 सौ गोली पुलिस ने बरामद हुई। सिर्फ सहरसा में तीन सौ हथियार की बरामदगी हुई। जिसमें तीन कारबाइन भी था।
सूत्र बताते हैं कि हथियार की बढ़ रही डिमांड के बाद तस्कर अधिक सक्रिय हो गये हैं। मुंगेर पुल तस्करों के लिए वरदान साबित हो रहा है। मुंगेर निर्मित कट्टा तीन से 10 हजार रुपये में, 15 से 40 हजार में पिस्तौल व डेढ़ लाख तक में कारबाइन उपलब्ध हो जाता है। गोली तीन सौ से पांच सौ रुपये तक उपलब्ध कराया जाता है। इलाके में हथियार का भंडार इतना है कि बात-बात में गोली भी चल जाती है।
कई बार मिनी गन फैक्ट्री का हुआ पर्दाफाश
वर्ष 2019 में पतरघट ओपी क्षेत्र के ही पहाड़पुर गांव में पुलिस ने देवकी मंडल के यहां छापेमारी कर मिनी गन फैक्ट्री का पर्दाफाश किया था। पुलिस ने एक पिस्तौल, दो अर्धनिर्मित पिस्तौल, दो ट्रिगर समेत कई मशीन की बरामदगी की थी। उस समय मुंगेर से कनेक्शन रहने की बात भी सामने आयी थी। वर्ष 2020 में बनमा ओपी क्षेत्र के जमालनगर व बहुरवा गांव में एसटीएफ व पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर तीन को गिरफ्तार करते हुए मिनी गन फैक्ट्री का पर्दाफाश किया था। यहां से दो थ्री फिफ्टीन का राइफल, एक पिस्तौल, दो कट्टा, हथियार बनाने की मशीन बरामद की गई थी। सौरबाजार थाना क्षेत्र के समदा गांव में वर्ष 2021 में एक वेल्डिंग दुकान में संचालित मिनी गन फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ था।
पुलिस ने एक कारबाइन, एक कारबाइन की मैगजीन, दो पिस्टल, तीन कट्टा, गोली बरामद किया था। पिछले दिनों पतरघट ओपी क्षेत्र में भी मिनी गन फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ था। मधेपुरा जिला के गम्हरिया थाना क्षेत्र के दुलार पिपराही गांव में अगस्त 22 में पुलिस ने छापेमारी कर मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा किया। इससे पहले चौसा थाना क्षेत्र के पैना गांव में भी मिनी गन फैक्ट्री पकड़ी गई थी। उदाकिशुनगंज थाना क्षेत्र के मधुबन में भी पुलिस ने मिनी गन फैक्ट्री का पर्दाफाश कर कई की गिरफ्तारी की थी। अक्टूबर 21 में सुपौल जिले के राघोपुर थाना क्षेत्र मिनी गन फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ था।
मुंगेर से रहता है कनेक्शन
कोसी में संचालित मिनी गन फैक्ट्री का कनेक्शन मुंगेर से रहता है। मुंगेर से कच्चा माल उपलब्ध कराया जाता है। जिस कारण आसानी से कारीगर देसी पिस्तौल व कट्टा बना लेते हैं। सूत्रों की मानें तो कट्टा पांच से सात हजार में उपलब्ध हो जाता है।