श्रद्धा से घर में ही करें चैती दुर्गापूजा, मां होंगी प्रसन्न
सहरसा। चैती नवरात्र कोसी इलाके में भी श्रद्धा भाव से मनाई जाती है। कलश स्थापन 13 अप्रैल एवं समापन
सहरसा। चैती नवरात्र कोसी इलाके में भी श्रद्धा भाव से मनाई जाती है। कलश स्थापन 13 अप्रैल एवं समापन 21 अप्रैल को होगा। कोरोना के बढ़ते महामारी के बीच लोगों की आस्था बनी हुई है। नौ दिनों तक देवी मंदिरों के साथ ही घरों में भक्तिमय माहौल रहेगा। कोरोना गाइडलाइन के तहत मंदिरों में भीड़भाड़ पर पूरी तरह नियंत्रण को ध्यान में रख मंदिर में पूजा पाठ से परहेज बरतने के साथ श्रद्धा भाव से घर में पूजा करने की बात पोखर भिडा के निवासी आचार्य बमबम कुमार झा ने कहीं।
उन्होंने कहा कि केवल मंदिर में ही नहीं घर में भी श्रद्धाभाव से पूजा कर माता रानी प्रसन्न होती है। घर में पूजा के विधि विधान बताया। घर के मुख्यद्वार पर शुभ संकेत बनाए।
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मां के आगमन से पहले घर के मुख्य द्वार पर हल्दी या रोली से शुभ संकेत बनाना चाहिए। यह संकेत स्वास्तिक बनाना है। हल्दी से बना स्वास्तिक गुरु ग्रह को जबकि रोली से बना स्वास्तिक चिह्न शुक्र को शुद्ध करता है और जीवन में सकारात्मक लाता है। घर के मंदिर और पूजा स्थल की साफ सफाई नवरात्रि शुरू होने से एक दिन पहले घर के मंदिर और पूजा स्थल की की सफाई आवश्यक है। स्वच्छता एवं शुद्धता में ही भगवान का वास होता है। नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा का घर में आगमन होता है। मां के आगमन से पहले पूरे घर की साफ सफाई पर पंडित बल देते हैं।
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चौकी पर स्थापित करें प्रतिमा
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नवरात्रि में हमेशा मां की प्रतिमा को चंदन या चांदी की चौकी पर स्थापित करना चाहिए। लाल कपड़ा चौकी पर बिछा देना चाहिए। लाल रंग को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
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कलश स्थापन
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मां की पूजा के पहले दिन कलश स्थापन किया जाता है। नवरात्रि का कलश हमेशा उत्तर पूर्व दिशा में स्थापित करना चाहिए। कलश को सुपारी, सिक्का और जल डालकर भरना चाहिए। आप सोने, चांदी या पीतल के अलावा मिट्टी के कलश का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।