जय जय भैरवी असुर भयावनी..
सहरसा। श्रीउग्रतारा सांस्कृतिक महोत्सव में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम तीसरे और अंतिम दिन मौसम
सहरसा। श्रीउग्रतारा सांस्कृतिक महोत्सव में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम तीसरे और अंतिम दिन मौसम में सुधार के बाद दर्शकों के अपार भीड़ के संग शुरू हुआ। कार्यक्रम की शुरूआत श्वेता रानी द्वारा मैथिली भक्ति गीत मैया तोरे छोटी मंदिरया ...के साथ शुरू हुई। इसके बाद इनके द्वारा जाहि धरती पर पहिने उगय सुरूजदेव ...,सूर्यदेव की अराधना की गीत की प्रस्तुति ने दर्शकों को छठ पर्व की तैयारी की याद दिला दी। तो वहीं अपूर्वा प्रियदर्शी ने अपनी भक्तिमय प्रस्तुति जय जय भैरवी असुर भयावनी ..,श्याम तेरी वंशी पुकारे राधा नाम...,वैष्णव जन को तेने कहियो..,की प्रस्तुति से महफिल को भक्तिमय बना दिया। अमरेन्द्र मिश्र आगा ने इस माहौल को अपने लागा चुनरी में दाग ..,की प्रस्तुति से बदलने का प्रयास किया।
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बनारस घराना के कलाकारों वाद्य जुगलबंदी ने किया भावविभोर
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महोत्सव के अंतिम संध्या को बनारस घराने के वाद्य कलाकारों द्वारा प्रस्तुत वाद्य यंत्रों की जुगलबंदी ने दर्शकदीर्घा में उपस्थित सभी अधिकारियों सहित अन्य को भावविभोर कर दिया। इस दौरान इस घराना के पं.सुखदेव मिश्र के वायलीन,आनन्द मिश्र के गिटार,ब्राजील के मि.पावलो के फ्लूट एवं माउथ गिटार,राष्ट्रीय पुरस्कार से पुरस्कृत अशोक पाण्डेय के तबला,एवं किशोर कुमार मिश्र द्वारा पखावज एवं तबला से जुगलबंदी कर शास्त्रीय संगीत के राग ठुमरी में बीते नाही रैना ..,राग रसोईया में के धुनों पर की गई जुगलबंदी ने दर्शकों को वाह उस्ताद वाह कहने पर मजबूर कर दिया।