लॉकडाउन का पालन कराने में अक्षम साबित हो रहा प्रशासन
सहरसा। जिले में अप्रवासी श्रमिकों और छात्रों के लगातार आगमन के कारण कोरोना पॉजिटिव मरी
सहरसा। जिले में अप्रवासी श्रमिकों और छात्रों के लगातार आगमन के कारण कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिला प्रशासन के अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के लोग खासे परेशान हैं। कोरोना के मंडरा रहे खतरे को भांव जिलाधिकारी बारंबार आमलोगों से बिना बहुत जरूरी के घर से नहीं निकलने के लिए अपील कर रहे हैं। परंतु लोग लॉकडाउन की बंदिशों को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। डीएम ने साफ कहा है कि परिस्थितिवश लंबे समय से चले आ रहे लॉकडाउन में थोड़ी ढील दी गई है, लोग इसका नाजायज फायदा न उठाएं, कितु लोग लॉकडाउन में बाजार घूमने से बाज नहीं आ रहे हैं। बाजार में लगातार भीड़ बढ़ती जा रही है। शारीरिक दूरी का भी कोई मायने नहीं रह गया है। बैंकों और डाकघरों की तरह बाजार में भी दिनभर लोगों की भीड़ लग रही है। सुबह सब्जी बाजार में अप्रत्याशित भीड़ हो जाती है। यहां को शारीरिक दूरी का कोई मतलब ही नहीं रह जाता है। इसके बाद पुलिस की निगेहबानी के बीच लोग कोई- न- कोई बहाना बनाकर साईकिल, मोटरसाइकिल और चारपहिया वाहन से मुख्य बाजार में काम के बहाने घूमते नजर आते हैं। लॉकडाउन वन और टू में जिस प्रकार सड़कों पर दिनभर सन्नाटा रहता था, लॉकडाउन थ्री में उसमें ढील शुरू हुई और अब बाजार की स्थिति सामान्य दिनों की तरह होने लगी है। डीबीरोड, शंकर चौक, दहलान चौक, मारूफगंज, चांदनी चौक, गांधी पथ, बंगाली बाजार आदि को देखकर कहना मुश्किल हो गया है कि शहर में लॉकडाउन भी है। सामान्य दिनों की अपेक्षा बाजार में भीड़ कम जरूर रहती हैं, परंतु शुरूआती दौर की तरह कहीं खाली सड़के भी देखने को नहीं मिलती है। ऐसे में लोगों का मानना है कि अगर प्रशासन द्वारा तुरंत सख्त कदम नहीं उठाया गया, तो यह आने वाले दिनों के लिए एक बड़ी समस्या बन सकती है और कोरोना संक्रमण अनियंत्रित भी हो सकती है।