नहीं बिक रहा गेहूं, किसानों के टूट रहे अरमान
सहरसा। कोराना को लेकर लॉकडाउन का असर गेहूं फसल के कटनी पर भी पड़ा है। गेहूं फस
सहरसा। कोराना को लेकर लॉकडाउन का असर गेहूं फसल के कटनी पर भी पड़ा है। गेहूं फसल की कटनी करने की नई मशीन रीपर कम बाइंडर में उपयोग होने वाला धागा लॉकडाउन के कारण नहीं मिल रहा है। हार्वेस्टर से कटनी के लिए चालक नहीं आ रहे हैं। किसान गंगा सिंह कहते हैं कि रबी की खेती शुरू हुई तो फरवरी में ही बारिश हो गई। जिससे खेत में लगी फसल नष्ट हो गई। मार्च में फिर आंधी आने व बारिश से भी फसल को नुकसान पहुंचा। अब लॉकडाउन में गेहूं की कटनी हो भी गई है तो गेहूं के खरीदार नहीं मिल रहे हैं। बताया कि खेती के बल पर ही बेटे को सीए की पढ़ाई करवाकर चार्टर्ड अकाउंटेंट बनाया था। लेकिन अबकी बार कई मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। हेमपुर की त्रिवेणी सिंह बताते हैं कि विकट समस्या उत्पन्न हो गई है। गेहूं की फसल कट गई तो उसको खरीदने वाला कोई नहीं है। सरकारी स्तर से भी कोई पहल नहीं हो रही है। गेहूं को खलिहानों में रख कर दिनरात पहरेदारी कर रहे हैं। घर में एक साल का खर्च को छोड़ शेष गेहूं बेचने के चक्कर में हैं। लेकिन कोई व्यवसायी दुकान नहीं खोल रहे हैं। गांवों में एक-दो व्यवसायी पहुंच रहे हैं, लेकिन वो काफी कम मूल्य दे रहे हैं। पोते को शहर के नामी-गिरामी प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने का अरमान था जो पूरा होते नहीं दिख रहा है। लॉकडाउन के चलते घर में खर्च के लिए पैसों की कमी है। गोड़पारा के किसान अशर्फी मुखिया कहते हैं गेहूं की फसल बेच कर पैसों का इंतजाम करना चाहते हैं। क्योंकि धान बेचने के बाद कई व्यवसायी अब भी पैसा नहीं दिए हैं। लॉकडाउन का बहाना बना कर किसानों का पैसा दबाए हुए हैं।