पैक्स प्रबंधक हत्या मामले में तीन को उम्रकैद
सहरसा। पांच फरवरी 2014 को सरस्वती प्रतिमा का विसर्जन कर घर वापस लौट रहे अतलखा के पैक्स प्र
सहरसा। पांच फरवरी 2014 को सरस्वती प्रतिमा का विसर्जन कर घर वापस लौट रहे अतलखा के पैक्स प्रबंधक को साढ़े आठ बजे शाम में उनके घर के नजदीक ही 10 लोगों द्वारा घेरकर गोली मार कर हत्या कर देने के मामले में गुरुवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय नाथ झा ने तीन आरोपियों को सश्रम उम्रकैद की सजा मुकर्रर की। जबकि हत्या के अपराध में शामिल एक आरोपित को पांच वर्ष एवं छह आरोपितों को अधिकतम तीन वर्ष की सजा सुनाई गई। हत्या के अपराध लिए उम्रकैद की सजा बसनही थाना क्षेत्र के अतलखा निवासी अमोल यादव, गेणु यादव एवं डोमी यादव को सुनाई गई है। न्यायालय ने अमोल यादव को 30 हजार रूपया, डोमी यादव एवं गेणु यादव को 20-20 हजार रुपये जुर्माना करने का आदेश दिया गया है। तीन आरोपियों को अन्य अपराधों के लिए भी सजा सुनाई गई है। जुर्माना नहीं देने पर अमोल यादव को छह माह एवं डोमी तथा गेणु यादव को तीन माह साधारण कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी। वहीं इस अपराध में शामिल खोखा यादव को अधिकतम पांच वर्ष की सजा एवं आठ हजार रूपया जुर्माना देने का फैसला सुनाया गया है। जबकि अन्य अरोपी अनोज यादव, भीषण यादव, नित्यानंद यादव, ललन यादव, संजीव यादव एवं कुंदन यादव को अधिकतम तीन वर्ष का कारावास एवं तीन-तीन हजार रूपया जुर्माने की सजा सुनाई गई है। न्यायालय के आदेश में सभी सजाएं एक साथ चलने की बात कही गयी है। न्यायालय में सजा के बिन्दु पर सुनवाई के दौरान लोक अभियोजक राजेश्वर प्रसाद यादव एवं पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता शिवेंद्र झा उर्फ शंभू बाबू एवं ध्रुव कुमार झा ने आरोपियों को अधिक से अधिक सजा देने की प्रार्थना न्यायालय से की थी। मामले में चिकित्सक एवं अनुसंधानकर्ता समेत 13 गवाह एवं अन्य दस्तावेजी साक्ष्य को प्रस्तुत किया गया था। सभी पक्षों को सुनने के बाद जिला जज ने खुले न्यायालय में आरोपियों को उपरोक्त सजा सुनाई।
क्या था मामला
इस घटना की प्राथमिकी मृतक पैक्स प्रबंधक अनोज यादव के बड़े भाई मनोज यादव ने बसनही थाने में आठ फरवरी 2014 को दर्ज कराई थी। दर्ज प्राथमिकी में कहा गया था कि पांच फरवरी 2014 को साढ़े आठ बजे शाम में झिटकिया नदी में सरस्वती की प्रतिमा का विसर्जन कर घर लौटने के दौरान घर के नजदीक ही उपरोक्त आरोपियों ने उनलोगों को घेर लिया था। डोमी यादव एवं गेणु यादव के आदेश पर अमोल यादव ने उनके भाई अनोज यादव को गोली मार दी। गोली शरीर के आरपार हो गयी। उनका चचेरा भाई पवन यादव बचाने गया तो खोखा यादव ने उसके थ्रीनट के बट से मारकर उसका सिर तोड़ दिया। इलाज के लिए घायल अनोज यादव को मधेपुरा सदर अस्पताल एवं पटना ले जाया गया लेकिन पहुंचते ही उनकी मृत्यु हो गयी।