ऐतिहासिक धरोहरों व सांस्कृतिक विरासत की मिलेगी जानकारी
सहरसा। रेलवे अब ऐतिहासिक धरोहरों व सांस्कृतिक विरासत को बचाने में लग गयी है। कोसी क्षे˜
सहरसा। रेलवे अब ऐतिहासिक धरोहरों व सांस्कृतिक विरासत को बचाने में लग गयी है। कोसी क्षेत्र की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से जुड़े व्यक्तित्व व स्थल एवं सांस्कृतिक विरासत को विकसित एवं समृद्ध करने में रेलवे लगी हुई है। रेल प्रशासन ने इन धरोहरों को चित्र के माध्यम से यात्रियों को रूबरू कराने का निर्णय लिया है। इसी ²ष्टिकोण से रेलवे ने सहरसा स्टेशन के मुख्य द्वार, प्रतीक्षालय, टिकट बु¨कग काउंटर सहित अन्य जगहों पर ऐतिहासिक स्थलों का चित्र बनाएगी। जिससे आनेवाली पीढ़ी सहित यात्रियों को इस क्षेत्र की ऐतिहासिकता की जानकारी हो सकें। इससे जहां स्टेशन आकर्षक दिखेगा वहीं इससे लोक कलाओं को बढ़ावा मिलेगा। रेलवे ने इसी उद्देश्य को लेकर कोसी क्षेत्र के मधेपुरा स्टेशन से इसकी शुरूआत कर दी है। मधेपुरा स्टेशन पर मधुबनी पेंटिग लोक कला से सजाया जा रहा है। इसी तरह सहरसा स्टेशन को भी सजाने का काम शीध्र शुरू कर दिया जाएगा। एक दिन पहले ही पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक एलसी त्रिवेदी ने सहरसा स्टेशन का निरीक्षण के दौरान बु¨कग काउंटर सहित प्रतीक्षालय में एक प्रचार बोर्ड को देख काफी नाराजगी जतायी थी। उन्होंने मुख्य द्वार को आकर्षक ढंग से सजाने के लिए संबंधित रेल अधिकारियों को कई निर्देश दिए। स्थानीय रेल अधिकारियों की खबर लेते हुए उन्होंने इस क्षेत्र की लोक कलाओं व मधुबनी पेंटिग व ऐतिहासिक धरोहर मंडन धाम, महिषी तारा स्थान, मत्स्यगंधा, ¨सहेंश्वर मंदिर आदि स्थलों का चित्र प्रदर्शनी लगाने को कहा है। मालूम हो कि सहरसा स्टेशन पूर्व मध्य रेल समस्तीपुर मंडल अंतगर्त ए ग्रेड स्टेशन है और राजस्व में दूसरा स्थान पर है। इसीलिए रेलवे इस स्टेशन के सौंदर्यीकरण के लिए सर्कुले¨टग एरिया पर करीब एक करोड़ रुपये खर्च कर रही है।