संसाधनों का अभाव होने के कारण मरीजों को नहीं मिल रही सुविधाएं
संसू पतरघट (सहरसा) ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रयासरत है लेकिन हकीकत प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कुछ और ही है।
संसू, पतरघट (सहरसा) : ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रयासरत है लेकिन हकीकत प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कुछ और ही है।
लगभग डेढ़ लाख की आबादी वाले इस क्षेत्र से प्रतिदिन 100 लोग इलाज कराने पतरघट पीएचसी आते हैं लेकिन मात्र तीन एमबीबीएस तथा एक आयुष चिकित्सक द्वारा इलाज किया जाता है। यहां न एक्स-रे की सुविधा है और न ही जांच की। यदि कुछ सुविधा है भी तो तकनीशियनों की अपनी मर्जी चलती है।
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नहीं आते हैं सीनियर लैब टेक्नीशियन :
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स्वास्थ्य प्रबंधक रमन कुमार कहते हैं है कि लैब टेक्नीशियन संजीव कुमार एवं ट्रीटमेंट सुपरवाइजर. कृपा शंकर कभी आते ही नहीं है शायद अन्य पीएचसी में भी यह लोग प्रभार में है। इन लोगों के नहीं आने के कारण कई काम प्रभावित हो रहा है।
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दवा की है कमी
ओपीडी के लिए दवा की संख्या 50, उपलब्ध दवा की संख्या 34, इमरजेंसी के लिए संख्या 34, उपलब्ध दवा की संख्या 28, एक्स्ट्रा एसेट संख्या 27 उपलब्ध संख्या 18
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20 से 30 किलोमीटर दूर से आते हैं स्वास्थ्यकर्मी
पीएचसी में एक भी कमरा नहीं जहां चिकित्सक या स्वास्थ्यकर्मी रह सकें। आवास नहीं रहने के कारण अधिकतर कर्मियों का 20 से 30 किलोमीटर दूर से आना जाना होता है।
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मरीजों को नहीं मिल रहा है भोजन
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टेकनमा से प्रसव कराने आयी कंचन कुमारी की सास खोखिया देवी कहती हैं कि रविवार की शाम ही अपनी पतोहू के साथ आई हैं, लेकिन अस्पताल में न तो खाना मिला न ही नाश्ता एवं अन्य सुविधाएं।
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जम्हरा पंचायत से प्रसव कराने आयी ज्योति देवी की मां मंजू देवी कहती हैं कि वे भी रविवार की रात आयी है लेकिन अस्पताल में कोई सुविधा नहीं मिल रही है। न मरीज को खाना मिलता है और ना ही बेड पर चादर।
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क्या कहती हैं चिकित्सा पदाधिकारी :
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चिकित्सा पदाधिकारी डा. बबीता कहतीं हैं कि जो संसाधन अस्पताल में उपलब्ध हैं, उसमें बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। यह जरूर है कि अभी कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम के कारण स्वास्थ्य कर्मियों की व्यस्तता बढ़ गई है। जहां तक भर्ती मरीजों को भोजन एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात है तो यह आउटसोर्सिंग के हवाले है। साफ-सफाई तथा भोजन का सुविधा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी एजेंसी की है, लेकिन उनका कार्य संतोषजनक नहीं है। कुछ कारणों से भुगतान भी लंबित है जिसकी जानकारी जिलास्तरीय अधिकारी को दी गई है।