खाद्यान्न खरीद गारंटी कानून बनाए सरकार
सहरसा। किसान विरोधी तीनों कृषि कानून मजदूर विरोधी लेबर कोड को रद करने बिजली संशोधन
सहरसा। किसान विरोधी तीनों कृषि कानून, मजदूर विरोधी लेबर कोड को रद करने, बिजली संशोधन बिल, 2020 की वापसी, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों के सभी फसलों की खरीद की गारंटी के लिए कानून बनाने की मांग को ले सोमवार को किसान सभा ने समाहरणालय पर सांकेतिक धरना दिया। कोरोना के निर्देशों का पालन करने हुए धरना दे रहे किसान सभा कार्यकर्ताओं ने
एम एस पी पर गेहूं का खरीद शुरू करने, डीजल- पेट्रोल व रसोई गैस के दामों में भारी बढ़ोतरी को कम करने, डीएपी खाद की मूल्य में अप्रत्याशित वृद्धि पर रोक लगाने की मांग की। धरना को बिहार राज किसान सभा के राज्य महामंत्री विनोद कुमार, संयुक्त सचिव रणधीर यादव, जिला अध्यक्ष गणेश प्रसाद सुमन, व्यास प्रसाद यादव, मो. तोहिद आलम, विद्यानंद यादव, शिवानंद विश्वास, जनवादी नौजवान सभा के राज्य सचिव मंडल सदस्य कुलानंद यादव, मो. जुबेर, किसान नेता महेंद्र र्श,मा डोमी पासवान, बद्रीराम, केशव कुमार मेहता, रमाकांत राय, दुखी शर्मा आदि ने संबोधित किया। किसान सभा के राज्य महामंत्री विनोद कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून के खिलाफ कई महीने से देश के लाखों किसान दिल्ली में आंदोलन पर उतारू हैं। कड़ाके की ठंड और अब भीषण गर्मी का मुकाबला करते हुए शांतिपूर्ण एवं लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलनरत 350 से अधिक किसानों ने इस ऐतिहासिक किसान आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति दे दिया है, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार संवेदनहीन बनी हुई है। किसानों से वार्ता कर निदान निकालने के बजाय तरह- तरह का हथकंडा अपनाकर आंदोलन को बदनाम करने एवं कुचलने का कुत्सित षडयंत्र किया जा रहा है। कहा कि देश के किसान केंद्र सरकार के हर हथकंडे को विफल किया है। आने वाले दिनों में संघर्ष को और तीव्र किया जाएगा। और जीत हासिल करने तक संघर्ष जारी रहेगा। किसान नेता रंधीर यादव ने कहा कि किसान आंदोलन के समर्थन में जेल भरो अभियान प्रस्तावित था, परंतु कोरोना को ले सरकार के निर्देश का समर्थन करते हुए इस सांकेतिक धरना का आयोजन किया गया। स्थिति सामान्य होने पर आंदोलन तेज किया जाएगा।