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गंडौल चौक पर अतिक्रमण खाली कराने में जुटा प्रशासन

सहरसा। लोक शिकायत पदाधिकारी के निर्देश पर रविवार को अंचल निरीक्षक सतीश यादव के नेतृत्व

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Apr 2021 05:00 PM (IST)Updated: Mon, 12 Apr 2021 05:00 PM (IST)
गंडौल चौक पर अतिक्रमण  खाली कराने में जुटा प्रशासन
गंडौल चौक पर अतिक्रमण खाली कराने में जुटा प्रशासन

सहरसा। लोक शिकायत पदाधिकारी के निर्देश पर रविवार को अंचल निरीक्षक सतीश यादव के नेतृत्व में कोशी पश्चिमी तटबंध पर अवस्थित गड़ौल चौक पर मापी कर सरकारी जमीन को अतिक्रमित करने वालों को चिह्नित किया गया। गड़ौल चौक पर निरंतर बढ़ रहे अतिक्रमण के कारण होने वाली दुर्घटना से परेशान ग्रामीणों द्वारा आवेदन देकर चौक को अतिक्रमण मुक्त करवाने का आग्रह किया गया। लेकिन कार्रवाई नहीं हो सकी। बाद में कुलानंद सिंह द्वारा अनुमंडल लोक शिकायत निवारण में परिवाद दायर किया जिसके आलोक में अतिक्रमण हटाने की पहल हो रही है। अंचल निरीक्षक सतीश यादव ने बताया कि कोसी परियोजना की जमीन पर दुकान बनाकर अतिक्रमण कर लिया गया। इसे मापी कर चिह्नित किया गया है और रिपोर्ट वरीय अधिकारी को भेजा जाएगा। इस दौरान राजस्व कर्मचारी चतुर्भुज मिश्र, जनार्दन प्रसाद सिंह के अतिरिक्त प्रभारी अंचल अमीन भगवान प्रसाद, पन्ना ठाकुर एवं अशर्फी यादव भी उनके साथ थे।

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कागज में कम होता गया अतिक्रमण

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जानकारी के अनुसार, करीब चार वर्ष पूर्व अंचल कार्यालय द्वारा गड़ौल चौक के अतिक्रमणकारियों को नोटिस भेजी गई थी जिसकी संख्या 275 थी, लेकिन बाद में अंचल कार्यालय द्वारा जो नोटिस भेजे गए उनकी संख्या सिमटकर 30, सात और 11 तक रह गई जिससे हमेशा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई विवाद में फंस जाती है।

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सरकारी जमीन पर बनी दुकानों से भी वसूला जाता है किराया

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गड़ौल चौक पर छोटी-बड़ी दुकानों की संख्या तीन सौ से अधिक है । दुकानदारों ने बताया कि सरकारी जमीन के पीछे जिस जमींदार की जमीन है उनके द्वारा सामने की जमीन पर दावेदारी पेश करते हुए दुकान बनाकर 25 से 50 हजार तक अग्रिम और तीन हजार प्रति दुकान तथा 15 सौ रुपये प्रति गुमटी किराया वसूला जाता है।

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राजनपुर व बलुआहा में भी है यह स्थिति

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राजनपुर बाजार एवं बलुआहा बाजार में भी उपरोक्त स्थिति बरकरार है। जबकि इन्हें भी पूर्व में अंचल कार्यालय द्वारा अतिक्रमण खाली करने का नोटिस भेजा जा चुका है। अंचलाधिकारी द्वारा अतिक्रमण खाली करवाने की दिशा में रूचि नहीं दिखाने के कारण अतिक्रमण का दायरा बढ़ता चला जा रहा है जिससे आमलोग सहित वाहन चालक परेशान हैं।


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