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शारीरिक और मानसिक क्षमता को प्रभावित करता है कृमि: डीएम

सहरसा। सोमवार को केंद्रीय विद्यालय के प्रांगण में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (एनडीडी) कार्यक्र

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 02:14 AM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 02:14 AM (IST)
शारीरिक और मानसिक क्षमता को प्रभावित करता है कृमि: डीएम
शारीरिक और मानसिक क्षमता को प्रभावित करता है कृमि: डीएम

सहरसा। सोमवार को केंद्रीय विद्यालय के प्रांगण में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (एनडीडी) कार्यक्रम का उद्घाटन जिला पदाधिकारी शैलजा शर्मा ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीएम ने कहा कि सभी सरकारी, गैर सरकारी एवं आंगनबाड़ी केंद्रों पर कृमि की दवा निश्शुल्क खिलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि नंगे पैर चलने व खुले में शौचालय जाने और नाखून नहीं काटने के कारण हुक वर्म का हानिकारक कृमि हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता हैं। जिसके कारण बच्चों में थकान और भूख की कमी जैसी शिकायत होती हैं। इससे खून की कमी हो जाती है, बच्चों को पढ़ाई एवं अन्य कार्यों में मन नहीं लगता। कुछ बच्चे मिट्टी खाने लगते हैं, कोई दीवार चाटने लगते हैं। इसलिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत खिलाई जानेवाली एल्बेंडाजोल की गोली सभी बच्चों को खिलाना जरूरी है। जिससे शरीर के विकास को रोकनेवाला यह कीड़ा शरीर से बाहर आए। डीएम ने शिक्षक की भूमिका में बच्चो से नाखून काटने और साफ-सफाई के लिए हाथ उठाकर उद्घोष कराया। संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डा. शैलेंद्र कुमार गुप्ता ने कहा कि शरीर में फायदा और नुकसान पहुंचाने वाले दोनों तरह के कृमि होते है। हुक वर्म व राउंड वर्म शरीर को नुकसान पहुंचाता है। हुक वर्म शरीर का खून चूसकर पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि पूरे जिले में दस लाख पचास हजार बच्चे रक्षित है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सह नोडल पदाधिकारी (एनडीडी) डा. कुमार विवेकानंद ने कहा कि कृमि से बचने के लिए हम सभी को स्वच्छता अपनाना चाहिए। खाने से पहले तथा शौच के बाद साबुन से हाथ धोना चाहिए व नाखून हमेशा साफ रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि कृमि मुख्य रूप से मिट्टी के संपर्क में आने से होता है। जो बच्चे आज दवा खाने से छूट जाएंगे उन्हें पांच मार्च को दवा खिलाया जाएगा। अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने कहा कि इस अभियान के तहत एक से दो वर्ष के बच्चों को आधी गोली देना है। दो से पांच वर्ष के बच्चे को पूरी गोली देना है। पांच से 19 वर्ष के बच्चे को पूरा गोली चबाकर खाना है। इस दवा से किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है बल्कि ये हमारे लिए फायदेमंद है। इस मौके पर डीएम ने खुद कई बच्चियों को टेबलेट खिलाया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से आईसीडीएस डीपीओ कुमारी रीता सिन्हा, डीपीएम असीत रंजन, सीडीपीओ कहरा नंदिता, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कहरा अजय कुमार अनुज, राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के जिला समन्यवक मो. महताब आरिफ, केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य असीमनाथ, डीपीआरओ जयशंकर कुमार, केयर इंडिया के रोहित रैना, हॉस्पिटल मैनेजर विनय रंजन, केंद्रीय विद्यालय के बीके झा, एम चन्द्रा, पीएन तिवारी, मो. सत्तार अली, आरएन राघव, रूबी कुमारी, गरिमा गुप्ता, बबली कुमारी, गरिमा गुप्ता, मनीष कुमार, आसिफ जावेद आदि मौजूद रहे। इससे पूर्व केन्द्रीय विद्यालय के प्राचार्य ने आगत अतिथियों का स्वागत किया।

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