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प्रकृति के प्रकोप के बाद धान पर कीटों का हमला

साहरसा। असामान्य मानसून एवं प्रकृति के प्रकोप के बाद खेत में लगी धान पर कीटों का हमला शुरू ह

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 05:42 PM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 05:42 PM (IST)
प्रकृति के प्रकोप के बाद धान पर कीटों का हमला
प्रकृति के प्रकोप के बाद धान पर कीटों का हमला

साहरसा। असामान्य मानसून एवं प्रकृति के प्रकोप के बाद खेत में लगी धान पर कीटों का हमला शुरू हो गया है। खेतों में लगी बालियां कट कर नीचे गिर रही है। खेत को देखकर किसान निराश और हताश हो गए हैं। लागत के अनुरूप फसल पाना मुश्किल लग रहा है। समशीतोष्ण वातावरण के कारण गांव में पके हुए धान की फसलों पर कीट व्याधि का प्रकोप बढ़ गया है। वातावरण में बदलाव के चलते खेतों में लगे धान के फसलों में भूरा माहो के हमले के चलते किसान चितित हैं। खरका तेलवा, मोहनपुर, मुरादपुर, रमौती के किसान फसल को बचाने के लिए विभिन्न प्रकार के कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव लगातार कर रहे हैं फिर भी इन रासायनिक दवाओं का कीटों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। किसानों ने बताया कि धान अब पकने लगा है। ओरिया रमौतीन के किसान मंजुल आलम, मो आजाद, मो जसीम, अब्दुल रज्जाक, समेत रजी अहमद, अशोक यादव, चानो साह आदि ने बताया कि कीट प्रकोप से बार-बार दवाई का उपयोग करने पर कोई भी दवा काम नहीं कर रहा है। कृषि समन्वयक सीके मिश्रा ने बताया कि अभी मौसम कीट व्याधि के लिए अनुकूल है। किसान रासायनिक दवाई का छिड़काव सही समय व सही मात्रा में करें, जिससे फसलों पर लगने वाले बीमारियों से बचा जा सकता है। प्रमुख शमीम अख्तर पप्पू ने किसानों को राहत उपलब्ध कराने हेतु तत्काल कृषि वैज्ञानिकों की टीम भेज कर समुचित कीटनाशक का उपयोग एवं जागरूकता लाने की मांग जिला प्रशासन एवं कृषि अधिकारी से की है।

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